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सरकार ने वाहन स्क्रैप पॉलिसी में किया बड़ा बदलाव, सब कुछ होगा डिजीटल, जानें क्या है नया नियम

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रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्ट्री (Ministry of Road Transport and Highways) ने वाहन स्क्रैपिंग फैसलिटी संशोधन (Vehicle Scrapping Facility Amendment) नियम 2022 से नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें मोटर वाहन (रजिस्ट्रेशन और वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटी के काम) नियम 23 सितंबर 2021 के संशोधन हैं, जो कि रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटी (Registered Vehicle Scrapping Facility -RVSF) की स्थापना के लिए प्रक्रिया निर्धारित करते हैं.

इसे जारी करते हुए मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि बदलाव नियमों में मिले फीडबैक के आधार पर किए गए हैं. इनके जरिए सभी स्टेकहोल्डर्स (stakeholders) जैसे वाहन मालिकों (vehicle owners) RVSF ऑपरेटरों, डीलरों, रिजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटीज (regional transport authorities – क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों) आदि के लिए वाहन स्क्रैपिंग की प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाने के लिए किए गए हैं.

डिजीटली करना होगा अप्लाय
नए नियमों के मुताबिक, वाहन स्क्रैपिंग के लिए डिजिटल तरीके अप्लाई किए जाने का प्रावधान किया गया है. वाहन मालिक स्क्रैपिंग के लिए सभी एप्लीकेशन डिजिटल रूप से जमा करेंगे. RVSF वाहन मालिकों को अपने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए डिजिटल रूप से अप्लाई करने में मदद करने के लिए सुविधा केंद्र के तौर पर काम करेंगे. इसके अलावा वाहन मालिक द्वारा एप्लीकेशन जमा किए जाने से पहले वाहन डेटाबेस के आधार पर जांच का भी प्रावधान किया गया है.

वाहन की होगी जांच
किराया-खरीद (hire-purchase), पट्टा (lease) राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के रिकॉर्ड में वाहन के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, वाहन पर कोई बकाया नहीं है और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों द्वारा वाहन को ब्लैकलिस्ट में डाले जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है, इन सभी स्तरों पर वाहन की जांच की जाएगी और इनमें से किसी भी जांच में फेल होने पर वाहन मालिकों का एप्लीकेशन जमा नहीं किया जाएगा।

वाहन मालिकों को मिलेगा डिजिटल प्रमाणपत्र
वाहन जमा करने के समय और इसके बाद की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए भी कई नियमों का प्रावधान किया गया है. स्क्रैपिंग के लिए पेश किए गए वाहन से संबंधित जमा प्रमाणपत्र में अधिक डिटेल शामिल की गई है. यह प्रमाणपत्र वाहन मालिकों को डिजिटल रूप से उपलब्ध मिलेगा और 2 साल के लिए वैलिड होगा. इसके साथ ही जमा के ट्रांसफर सार्टिफिकेट की शुरुआत यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के जरिए जमा प्रमाणपत्र हासिल करने वाले उपभोक्ताओं के पास लेनदेन का डिजिटल प्रमाण पत्र मौजूद रहे.