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Bilaspur: हत्या के बाद स्कूटी सहेली को दी, शव की बदबू को दबाने जलाता रहा अगरबत्ती

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बिलासपुर। 11 लाख स्र्पये लौटाने से बचने के लिए मेडिकल स्टोर संचालक ने युवती की हत्या कर लाश दुकान में ही छिपा दी। इस दौरान उसने युवती की स्कूटी उसकी सहेली को दे दी।

दूसरे दिन बदबू आने पर उसने दिनभर अगरबत्ती जलानी शुरू कर दी। इस दौरान दुकान आने वालों को वह बिल में चूहा मरने की बात कहता था। पूरे मामले की जांच के बाद रविवार को पुलिस ने आरोपित मेडिकल संचालक को गिरफ्तार किया है।

सिविल लाइन क्षेत्र के कस्तूरबा नगर में शनिवार की शाम पुलिस को कार की पिछली सिटी पर युवती की लाश मिली। मृतका की पहचान भिलाई निवासी प्रियंका सिंह के रूप में की गई। पुलिस ने कार के मालिक मेडिकल स्टोर संचालक आशीष साहू को हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक पूछताछ में उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। उसने बताया कि प्रियंका अपनी स्कूटी को उसके दुकान के सामने छोड़कर कोचिंग जाती थी। इसी दौरान दोनों की जान-पहचान हुई। प्रियंका ने उसे शेयर मार्केट में लगाने के लिए 11 लाख स्र्पये दिए थे। घाटा होने के कारण वह स्र्पये वापस नहीं कर पा रहा था। मंगलवार की शाम प्रियंका ने अपने स्र्पये वापस मांगे। स्र्पये नहीं मिलने पर उसने चिल्लाना शुरू कर दिया।

इससे बचने के लिए उसने प्रियंका को समझा बुझाकर दुकान के अंदर बुलाया। इसके बाद उसने प्रियंका के दुपट्टे से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। लाश को आशीष ने फ्रिज के पीछे छिपा दिया। दूसरे दिन वह दुकान गया तो बदबू आने लगी थी। इसे दबाने के लिए उसने अगरबत्ती जलानी शुरू कर दी। लोगों के पूछने पर वह दुकान में बिल के अंदर चूहा मरने की बात कहता था। शनिवार को पूरे मामला सामने आने के बाद रविवार को शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पीएम रिपोर्ट लेकर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपित युवक को गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा।

एक महीने में लौटने वाली थी घर

पूछताछ में पता चला है कि युवती जिस कोचिंग संस्थान में पढ़ती वहां मार्च से अक्टूबर के बीच सिलेबस पूरा होता है। उसका सिलेबस पूरा हो गया था। मेडिकल स्टोर संचालक से स्र्पये मिलने के बाद वह दिसंबर में घर लौटना चाहती थी।

परिवार वालों को किया गुमराह

प्रियंका से बात नहीं होने पर 16 नवंबर को ही स्वजन बिलासपुर पहुंच गए। यहां पर उन्होंने प्रियंका की सहेलियों से पूछताछ की। इसमें पता चला कि वह आशीष के संपर्क में थी। इस पर स्वजन उसके पास पहुंचे। मेडिकल स्टोर संचालक प्रियंका के भाई और मामा को लेकर कोतवाली थाने गया। उसने परिवार वालों को गुमराह करने की भी कोशिश की। साथ ही पुलिस को भी गोलमोल जवाब दे रहा था।

हत्या के बाद सहेली को बुलाकर दी स्कूटी

प्रियंका और उसकी सहेली आशीष के दुकान के सामने अपनी स्कूटी छोड़कर जाती थीं। आशीष ने 15 नवंबर की शाम प्रियंका की एक सहेली को फोन किया। उसने प्रियंका की स्कूटी को ले जाने के लिए कहा। उसने बताया कि प्रियंका अभी तक नहीं आई है। स्कूटी की चाबी मेडिकल स्टोर में है। वह दुकान बंद कर जाने वाला है। इस पर प्रियंका की सहेली ने दूसरी युवती को भेजकर स्कूटी मंगा ली।

एप के माध्यम से लगाई थी रकम

मेडिकल स्टोर संचालक आशीष ने अपनी रकम एसटाप एप के माध्यम से शेयर मार्केट में लगाए थे। इसमें फायदा होने पर उसने प्रियंका को भी रकम लगाने के लिए कहा। पहले प्रियंका ने अपनर पाकेट मनी से रकम लगाई। इसमें उसे अच्छा फायदा हुआ। इसके बाद उसने नागपुर में रहने वाले प्रेमी से तीन लाख स्र्पये लिए। साथ ही कई रिश्तेदारों से भी स्र्पये लिए थे। करीब 11 लाख स्र्पये लगाने के बाद उसे घाटा हो गया। इसके बाद से ही प्रियंका अपने स्र्पये वापस पाने आशीष पर दबाव बना रही थी।