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राजधानी में बह रही ज्ञान की गंगा संतों के सानिध्य में हो रहे धार्मिक अनुष्ठान

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भारतीय संस्कृति और संस्कारों का शंखनाद पाठशाला गुरुकुल शिक्षण प्रणाली से ही होगा – मुनि श्री निर्णय सागर महाराज

भोपाल (विश्व परिवार)। राजधानी के जैन मंदिरों में धर्म की गंगा बह रही है संतों के सानिध्य में मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं आज आचार्य विशुद्ध सागर महाराज और आचार्य विहर्ष  सागरजी महाराज का शंकराचार्य नगर मंदिर में मिलन हुआ आचार्य संघ के सानिध्य में अनुष्ठान हुए वहीं दूसरी ओर आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य निर्णय सागर महाराज के सानिध्य में अयोध्या नगर जैन मंदिर में राजधानी के विभिन्न मंदिरों में संचालित  पाठशाला की शिक्षिकाओं एवं बच्चों का विद्वत सम्मेलन हुआ प्रभु पार्श्वनाथ का अभिषेक पूजा अर्चना के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया कार्यक्रम में शहर के मंदिरों में संचालित पाठशाला के बच्चे एवं शिक्षिकाएं शामिल थी मुनि श्री निर्णय सागरजी ने कहा भारतीय संस्कृति और संस्कार पाठशाला गुरुकुल शिक्षण प्रणाली से ही बचेंगे यदि संस्कृति संस्कारों की  रक्षा  करना  हें  तो बच्चों को धर्म का सिद्धांत और देश का इतिहास बताना बहुत आवश्यक है संस्कृति और संस्कारों का शंखनाद आज के विद्यार्थी ही करेंगे  महाराज  श्री ने आह्वान किया देश की शिक्षा प्रणाली में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली का समावेश बहुत आवश्यक है वहीं दूसरी ओर नंदीश्वर जिनालय में आर्यका विज्ञान मति माताजी और अन्य 12 आर्यका माता जी के सानिध्य में श्री नेमिनाथ विधान संपन्न हुआ भक्ति भाव से भगवान नेमिनाथ की पूजा अर्चना कर अर्घ्य समर्पित किए गए आर्यका विज्ञान मति माताजी ने आशीर्वचन में राग से वीतरागता  की ओर जाने का मार्ग बताया ।