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धर्म की आवाज बिना बोले भी सुनी जा सकती है – भावलिंगी संत आचार्य श्री विमर्श सागर जी महा मुनिराज

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जतारा – जीवन में सभी प्रकार के क्षण होते हैं। धर्म की आवाज बिना बोले भी सुनी जा सकती है। निर्ग्रन्थ दिगम्बर वीतरागी मुनिराज की दिगम्बर मुनिमुद्रा बिना बोले ही जगत के जीवों को हित का मार्ग दिखाती हैं। अपने अंदर ही ग्रहण करने की शक्ति होनी चाहिए। कुआँ कभी नहीं कहता कि आप मेरे जल को ग्रहण करें तब भी आप कूप से जल को ग्रहण किया करते हैं । आपकी अलमारी में रखे वस्त्र कभी आपसे नहीं बोलते कि आप मुझे ग्रहण करें, पहनें, फिर भी आप सदैव नए-नए वस्त्रों को धारण करते हैं। शास्त्र कभी बोलते नहीं हैं, लेकिन बिना बोले भी हमें बोलना सिखा देते हैं, इसीलिए मैंने कहा – धर्म की आवाज बिना बोले भी सुनी जा सकती हैं । धर्म क्या है ? बन्धुओं ! जो प्राणी को ऊपर-ऊपर,ऊपर-ऊपर ही उठाता चला जाता है, कभी जीब को नीचे नहीं गिराता वह धर्म है, जबकि आपके जीवन में धन आता है तो आपका कद, आपका पद एवं आपका मद बढ़ जाता है । धन भी आपको ऊपर उठाता है लेकिन धन को पाकर जो प्राणी धर्म की शरण में नहीं जाता ऐसे प्राणी को निश्चित ही धन नीचे गिरा देता है।

कोई परीक्षार्थी परीक्षा देने के लिए जाए और विचार करे कि मैं यदि प्रश्न का उत्तर लिखूँगा तो मेरी प्यारी पेन-रिफित खाली हो जाएगी, मैं रिफिल को खाली नहीं करूंगा; अरे मूर्ख अभी यदि तू रिफिल का उपयोग नहीं करेगा, उत्तर नहीं लिखेगा तो तेरी प्राण प्यारी रिफिल तेरे ही प्राण ले लेगी । बन्धुओ ! ध्यान रखना आप रिफिल का उपयोग उत्तर लिखने में करोगे तो आपकी अंकसूची भी भरी हुई आएगी ।आपको अपने जीवन में यह धर्म की रिफिल प्राप्त हुई है आप अपनी धर्म-रिफिल का रात-दिन जितना उपयोग कर सकते हैं उतना इसका उपयोग करें, पुण्योदय से आपको जो धन-वैभव प्राप्त हुआ है आप उसे धर्म के लिए समर्पित करते जाऐं आपके जीवन की अंकसूची निश्चित ही भरी हुई मिलेगी। धर्म के सर्वोत्कृष्ट फल को प्राप्त होते हैं – तीर्थंकर भगवान । वे तीर्थकर भगवान जीवन में कभी किसी से कुछ लेते नहीं हैं अपितु हमेशा सभी को लुटाते ही रहते हैं। आप प्रभु के चरणों में अपनी समस्त संपदा समर्पित कर दो, प्रभु उसमें से परमाणु मात्र भी ग्रहण नहीं करते किन्तु आपकी भावना से आपको ही अनंतगुना फल प्राप्त होता है । जतारा जैन समाज उपाध्यक्ष अशोक कुमार जैन ने बताया कि प्रातः कालीन बेला में पूज्य आचार्य गुरुवर सासंघ के मंगल सानिध्य में भक्तामर महामंडल विधान के माध्यम से पुण्यार्जन करने का सौभाग्य बाराबंकी निवासी जयकुमार, मनोज कुमार ,शकुन्तला, जूली , सिद्धार्थ, रिद्धि जैन गंगवाल परिवार को प्राप्त हुआ ।धर्म सभा में हरिश्चंद्र जैन,महेंद्र टांनगा,पवन मोदी,गुलाब चंद्र पटवारी,महेश ब्या, कल्लू सगरबारा, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे ।