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अहिंसा धर्म के परिपालन हेतु करते हैं जैन संत चातुर्मास – भावलिंगी संत आचार्य श्री विमर्श की महामुनिराज

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जतारा – स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा जन्मभूमि जतारा पर होने वाला नगर गौरव आचार्य श्री विमर्श सागर महा मुनिराज का स्वर्णिम चातुर्मास। जी हां,आचार्य गुरूवर का जन्मभूमि जतारा में हो रहा है, वर्ष 2023 का स्वर्णिम वर्षायोग । 04 जुलाई मंगलवार को शांति मैरिज गार्डन में देशभर से पधारे हजारों भक्तों के बीच सानन्द सम्पन्न हुआ चातुर्मास कलश स्थापना का ऐतिहासिक आयोजन, 24 पिच्धी धारी साधु एवं आर्यिका माताजी का होगा पावन चातुर्मास। हजारों गुरु भक्तों के बीच मुख्य चातुर्मास स्थापित करने का परम सौभाग्य उत्तर प्रदेश के आगरा महानगर से जिनागम पंथी श्री बलवंत जैन ‘मोन्टी’ के परिवार ने प्राप्त किया। साथ ही अन्य मंगल कलशों की स्थापना करने का स्थानीय जैन परिवार एवं देशभर से पधारे जिनागम पंथी गुरु भक्तों ने प्राप्त किया। *नगरपालिका अध्यक्ष श्री अनुराग नायक ‘रामजी’ने स्वीकारी गुरुदेव की शिष्यता* , अमर शहीद श्री सुनील नायक के सुयोग्य सुपुत्र श्री अनुराग जी नायक ने नगर गौरव आचार्य श्री विमर्शसागर जी महामुनिराज की चातुर्मास स्थापना में पहुँचकर अपने को परम गौरवशाली अनुभव किया। उन्होंने कहा- यहाँ उपस्थित गुरु भक्तों से मे कहूंगा कि आप भले ही गुरुदेव के धर्म शिष्य होंगे लेकिन मैं वह सौभाग्यशाली हूँ जिसने विद्यार्थी जीवन में गुरुदेव की शिष्यता स्वीकार की है। गुरूदेव के पावन आशीर्वाद से शीघ्रातिशीघ्र में नगर का मुख्य द्वार निर्माण कराने में सफल हो पाऊँगा । राजनैतिक क्षेत्र से रामजी नायक के साथ पूर्व विधायक सुरेन्द्र-चन्दा सिंह गौर, थाना प्रभारी श्री रश्मि जैन, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष श्री नवीन साहू आदि अनेक माननीय व्यक्तित्वों ने गुरु चरणों में उपस्थित होकर जन्मभूमि जतारा में ही चातुर्मास की स्थापना करने का विनम्र निवेदन- प्रार्थना की । आचार्यश्री ने दिया मंगल उपदेश-  *अहिंसा परमो धर्मः* 

भगवान महावीर स्वामी ने उपदेश-धर्म का सार एक मात्र अहिंसा को ही बतलाया है। बन्धुओं! अहिंसा का यदि साक्षात्  दर्शन करना है तो निर्ग्रन्थ वीतरागी दिगम्बर जैन संतो का पावन दर्शन कर लेना आपको अहिंसा का साक्षात दर्शन हो जाएगा। अहिंसा धर्म की परिपालना के लिए ही जैन संत वर्षायोग अथवा चातुर्मास किया करते है क्योंकि वर्षाकाल में अनेकानेक सूक्ष्म-सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति हो जाती है उन जीवों की रक्षा करने के लिए ही जैन संत धर्मनिष्ठ श्रावक समाजों के बीच चातुर्मास की स्थापना किया करते हैं। यहाँ पधारे हजारों शुरू भक्तों से मैं कहूंगा कि आपके नगरों में भी जो संतों के चातुर्मास हो रहे हैं आप उन सबकी सेवा, वैयावृत्ति करके उनके संयम को और अधिक मजबूती प्रदान करे। आज मैं यही संदेश दूंगा कि आप अनेक भेदों मे न बटे, हम और आप सब जिनेन्द्र भगवान के द्वारा बताए गये सदमार्ग पर बढ़ते रहे ।

अनूठा मैनेजमेंट है संघस्य बालब्रह्मचारिणी विशू दीदी का

 भारतीय जैन संगठन तहसील अध्यक्ष एवं जैन समाज उपाध्यक्ष अशोक कुमार जैन ने बताया कि आचार्य श्री के चतुविध संघ में एक महकती कली के रूप में है बाल ब्रह्मचारिणी विशू दीदी । दीदी अपने गुरुदेव आचार्य श्री विमर्श सागर जी के चतुविध संघ की सेवा में अहोरात्र तत्पर रहती हैं साथ ही शुरु भक्तों का भी परिपूर्ण ध्यान रखती है। आचार्यश्री के सम्पूर्ण सफल आयोजनों का पूर्ण श्रेय बाल ब्रह्मचारिणी, विशु दीदी को ही जाता है।1 जनवरी से 10 जनवरी 2024 तक होगा भोंयरे जी के बड़े बाबा भगवान आदिनाथ स्वामी का महामस्तकाभिषेक । जन्म भूमि जतारा मे निर्मित होने वाले त्रि-मंजिला मंदिर में एक मंजिला मंदिर निर्माण कराने का सौभाग्य जैन धर्म के भामाशाह उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद से पधारे जिनागम पंथी जम्बू- प्रसाद जी जैन ने प्राप्त किया । कार्यक्रम में संपूर्ण भारत वर्ष से हजारों की संख्या में श्रावक उपस्थित रहे । मुख्य रूप से दिल्ली, गाजियाबाद, झांसी, टीकमगढ़, आगरा, लखनऊ, महमूदाबाद, सिवनी, इन्दौर, भोपाल, कोटा, बिजयनगर, अशोकनगर, बाराबंकी आदि नगरों से आऐ भक्तों ने एवं क्षेत्रीय जैन समाज ने गुरुवर की चरणरज को माथे से लगाकर अपने जन्म और जीवन को धन्य किया।