Home धर्म - ज्योतिष हरि पर्वत आगरा में चल रही है प्रतिदिन धर्म सभा 

हरि पर्वत आगरा में चल रही है प्रतिदिन धर्म सभा 

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  • मन के अनुशासन से हमारा भविष्य उज्जवल बनता है – मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज

आगरा – मन के अनुशासन से हमारा भविष्य उज्जवल बनता है कोई हमारा समाने आता है उससे दृष्टी से मिल जाती है वह मंदिर के लिए जा रहा है शुभ कार्य के लिए जा रहे हैं उसका काम होगा कि नही ये पहले समय में पहली दुष्टी में छोटे से समय में आपको आभास हो जाएगा कि कार्य सफल होगा या नहीं ये आपको पता चल जायेगा उक्त आश्य के उद्गार हरिपर्वत आगरा में विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिपुगंवश्री सुधासागर जी महाराज ने व्यक्त किए

  • उपधान करने से कार्य सफल होता है

उन्होंने कहा कि अंत मता सो गता एक छोटा सा भी त्याग करने का मन वन रहा है कोई भी नियम लेने का मन वन रहा है तो समझ लेना कि इसकी अच्छी होने वाली है कऊआ का मांस त्याग करने वाला भी स्वर्ग चला जाता है इसलिए नियम कोई भी हो उसे छोटा ना माने आप लोग उपधान लिया करों हम तो यूं अचानक विहार करते नहीं है हमारे साथ तो बहुत सी भीड़ रहती आप लोगों को जरूर एक एक उपधान लेना चाहिए चाहे वह छोटा सा ही क्यों ना हो उपधान करके हर कोई कार्य करना चाहिये चाहे हम कोई कार्य करे,स्वाध्याय करें मंदिर बनते है तो उपधान करने से छ महिने मे विधा सिद्ध होने वाले आठ दिन के सिद्ध हो जाती है

  • नीतिज्ञ को अपनी नीति याद रहे ये महत्वपूर्ण है

उन्होंने कहा कि आप जो शब्द वोलते है इनको भी पहचाना जा सकता है इनकी गंद स्वाद होता है एक एक अक्षर स्वर व व्यंजन का स्वाद,गंध आदि सब होती है हम उसका जाप करते करते हम उस अक्षर का रस,गंध सभी पता कर सकते हैं साधक गण ऐसा करते हैं उन्होंने कहा कि जीवन की भी आचार संहिता होना चाहिए रावण की आचार संहिता में लिखा था   अष्टाहिंका पर्व में युद्ध नही होगा कोई भी शस्त्र नही उठायेगा जबकि लंका में भीषण युद्ध चल रहा था त्राहि त्राहि की स्थिति थी तव मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद जी ने कहा रावण एक बड़ा नीतिज्ञ हैं युद्ध के माध्यम में भी उसे अष्टानिका पर्व में किस तरह रहना है इस नीति का ज्ञान है ऐसा काम को नीतिज्ञ ही कर सकता है हम आंख को बंद नही कर पाते कि आंख देखना बंद कर, हम आसमान के क्षितिज पर उठना चाहते है हम सुबह उठकर सोचते है आज दिन भर शांत रहेगें लेकिन शाम तक क्रोध में पाये जाते हैं।