Home छत्तीसगढ़ विधायक कुलदीप सिंह जुनेजा ने मुख्यमंत्री से चर्चा कर 6 साल से...

विधायक कुलदीप सिंह जुनेजा ने मुख्यमंत्री से चर्चा कर 6 साल से चक्कर काट रहे 70 दुकानदारों को दुकान दिलाया दुकान

0

रायपुर – नगर निगम ने खालसा स्कूल के सामने से हटाए गए 69 दुकानदारों को अवंति बाई लोधी चौक के पास क्रिस्टल ऑर्केड के सामने व्यवस्थापन के लिए  4 लाख जमा करने डिमांड नोट थमा दिया गया  है। इसके अलावा नीचे पार्किंग एवं फर्स्ट फ्लोर पर दुकान देने का प्लान तैयार कर लिया गया है। इससे आधे से अधिक दुकानदार जो निम्न आय वर्ग वाले हैं उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। राशि कम करने एवं ग्राउंड फ्लोर पर ही दुकान बनाकर देने की मांग को लेकर दुकानदार आज रायपुर उत्तर विधायक कुलदीप जुनेजा से मिले। जुनेजा ने तत्काल इस संबंध में नगर निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी से चर्चा की और दुकानदारों को जल्द समाधान निकल आने का आश्वासान दिया । उल्लेखनीय है कि दिसंंबर 2005 में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत पंडरी रोड पर खालसा स्कूल के सामने दुकानदारों को यह दुकानें आबंटित हुई थीं। उस दौरान दुकानदारों से मात्र 10 हजार की पंजीयन राशि ली गई थी और एक हज़ार के आसपास हर महीने किराया लिया जाता रहा था। 26 दिसंबर 2017 को दुकानदारों का बिना कोई समुचित व्यवस्थापन किए नगर निगम ने ऑक्सीजोन के निर्माण के नाम पर दुकानों को ढहा दिया था। उसके बाद से दुकानदार वयवस्थापन के लिए लगातार संघर्षरत् थे। उम्मीदें उस समय जगीं जब जून 2021 में महापौर एजाज़ ढेबर, विधायक कुलदीप जुनेजा एवं तत्कालीन निगम कमिश्नर सौरभ कुमार ने व्यवस्थापन हेतु क्रिस्टल ऑर्केड वाली इस जगह का चयन किया। चूंकि दुकानें प्राइम लोकेशन पर बनाई जानी हैं अतः तत्कालीन निगम कमिश्नर सौरभ कुमार ने शर्त रखी थी कि दुकानों के निर्माण के लिए दुकानदारों को लगभग दो लाख का अंशदान देना होगा। दुकानदार इस पर राजी भी हो गए थे। कुछ समय बाद सौरभ कुमार का तबादला हो गया। विधायक कुलदीप जुनेजा एवं वर्तमान निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी के अथक प्रयासों के बाद शासन की ओर से विगत जून माह में क्रिस्टल ऑर्केड की जमीन पर  मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की दुकानों के निर्माण हेतु अनुमति मिली। दुकानदारों को एक बार फिर उस समय निराशा का सामना करना पड़ा जब जोन 3 दफ्तर से उन्हें डिमांड नोट मिला कि दुकानों का निर्माण होना है अतः 3 लाख 99 हजार 296 रुपये एक माह के भीतर निगम के खाते में जमा करें। इसके अलावा नीचे स्टील पार्किंग बनाकर फर्स्ट फ्लोर पर दुकान देने का प्लान तैयार कर लिया गया है। कुछ दुकानदार ऐसे हैं जो तोड़फोड़ की कार्यवाही के बाद से आज तक बेरोजगार हैं। वहीं कुछ दुकानदारों की आय काफी सीमित है। ऐसे में करीब 4 लाख की रकम निगम के खाते में जमा  करना और फर्स्ट फ्लोर पर दुकान लेकर उसे चला पाना उनके लिए असंभव जैसा हो गया है । दुकानदारों का प्रतिनिधि मंंडल इस संबंध में जल्द ही महापौर एजाज़ ढेबर एवं निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी से भी मुलाकात कर ली जाने वाली रााशि दो लाख तक करने तथा ग्राउंड फ्लोर पर ही दुकान बनाकर देने की मांग करने वाला है।