Home छत्तीसगढ़ निर्मलता का भाव एवं संतोषी होना ही उत्तम शौच धर्म है :-ब्राम्हचारी...

निर्मलता का भाव एवं संतोषी होना ही उत्तम शौच धर्म है :-ब्राम्हचारी पं. अंशुल शास्त्री 

0
  • दसलक्षण महापर्व पर आज भगवान शांति नाथ का गर्भ कल्याणक महोत्सव मनाया रात्रि मे धार्मिक डंब शेराज गेम नृत्य प्रस्तुति 

रायपुर – श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर पंचायत ट्रस्ट मालवीय रोड मे पर्वाधिराज दसलक्षण पर्युषण महापर्व के अवसर पर आज तीसरे दिन 22 सितंबर 2023 भाद्रप्रद शुक्ल पक्ष  तिथि सप्तमी वीर निर्वाण संमवत २५४९ शुक्रवार के दिन उत्तम शौच दिवस मनाया गया ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय नायक सचिव राजेश रज्जन जैन ने बताया की आज जैन सम्प्रदाय के सोलहवे तीर्थंकर श्री शांति नाथ भगवान का गर्भ कल्याणक दिवस भी था इस अवसर ओर शांति नाथ भगवान का निर्वाण कांड पूजन अर्घ चढ़ाया गया एवं प्रतिदिन की तरह आज प्रातः 7 बजे 12 वे तीर्थंकर श्री वासुपूज्य भगवान का 4 स्वर्ण कलशो सें अभिषेक किया गया आज के सभी प्रथम इंद्र लोकेश जैन रवि जैन संजय जैन प्रणीत जैन को अभिषेक का सौभाग्य प्राप्त हुआ रिद्धि सिद्धि शांति प्रदाता शांति धारा करने का सौभाग्य  इंजी. अमित ममता जैन को प्राप्त हुआ तत्पश्चात श्री जी की आरती एवं सामूहिक पूजन कर महा अर्घ चढ़ाया गया सांगानेर राजस्थान सें आये विद्वान ब्रम्चारी  पं. अंशुल शास्त्री ने अपने वक्तव्य मे बताया की  निर्मलता का भाव एवं संतोषी होना ही उत्तम शौच धर्म है हम अपने जीवन में दो प्रकार के लोभ करते हैं प्रशस्त और अप्रशस्त प्रशस्त लोभ का तात्पर्य धार्मिक क्रियाओं से है जैसे – पूजन और अभिषेक आदि।अप्रशस्त लोभ का तात्पर्य सांसारिक क्रियाओं से जैसे व्यापार आदि।लोभ को पाप का बाप कहा है लोभी व्यक्ति हिंसा चोरी झूठ कुशील और परिग्रह  इन पांचों पापों से सहित होता हैजीवन में संतोष होना आवश्यक है । संतोषी व्यक्ति ही सुखी रहता है।लोभ के आभाव मे शौच धर्म प्रगट होता है सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी कोषाध्यक्ष लोकेश जैन, प्रणीत जैन एवं राजीव जैन ने बताया की धार्मिक के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमे 22 सितम्बर को प्रतिभा महिला मण्डल शंकर नगर द्वारा द्वारा धार्मिक डंब शेराज गेम नृत्य का आयोजन रात्रि 8.30 बजे किया गया है जिसमे सर्वप्रथम आज महिलाओ द्वारा धर्मिक दो मंगलाचरण होंगे जिसके बाद धार्मिक डम्ब शराज धर्मिक गेम खेला जायेगा जिसमे तीन राउंड होंगे इस धर्मिक शेराज मे कुल 4 टीम रहेगी (जो की वहीं बैठे हुए मेंबर्स के द्वारा बनाई जाएगी) हर एक टीम में चार मेंबर्स रहेंगे पहले राउंड में भजन होगा जिसमें की पर्ची उठाकर के प्रतिभागियों को भजन को पहचानना होगा और अपनी टीम को समझाना होगा (अभिनय करके) दूसरे राउंड में मुनियों के नाम होंगे जो पर्ची में लिखे होंगे उसे भी अपने टीम को मोनो एक्ट करके समझाना है तीसरे राउंड में पूजन की सामग्री और मंदिर की सामग्रियां लिखी होगी इसे भी अपनी टीम को अभिनय करके समझाना है जो टीम ज्यादा नंबर्स स्कोर करेगा वह टीम विजेता होगी