जशपुर । छत्तीसगढ़ से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां जशपुर जिले के बगीचा शहर में बीती रात जंगली हाथी ने कहर मचा दिया। इस हमले में एक ही परिवार के तीन सदस्यों समेत चार लोगों की मौत हो गई। घटना की पुष्टि जिला वनमंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने की है, जिसने पूरे इलाके में शोक और दहशत का माहौल बना दिया है। खराब मौसम के कारण क्षेत्र में बिजली बाधित थी, जिससे रात के समय में अंधेरा छाया हुआ था। इसी बीच, गम्हरिया मोहल्ले में सड़क किनारे स्थित एक घर पर हाथी ने अचानक हमला कर दिया, जहां परिवार के छह सदस्य सो रहे थे। हाथी ने पहले पिता, पुत्री, और चाचा पर हमला किया और फिर पड़ोस में रहने वाले एक युवक को भी निशाना बनाया। ग्रामीणों के अनुसार, हो-हल्ला सुनकर पड़ोसी का एक युवक बाहर निकला, लेकिन हाथी ने उसे भी पटककर मार डाला।
इन लोगों की हुई मौत
1. रामकेश्वर सोनी (उम्र 35 वर्ष) – पिता
2. रवीता सोनी (उम्र 09 वर्ष) – पुत्री
3. अजय सोनी (उम्र 25 वर्ष) – मृतिका का चाचा
4. अश्विन कुजूर (उम्र 28 वर्ष) – पड़ोसी
जांजगीर चांपा पहुंचा हाथी, दहशत में ग्रामीण
जांजगीर चांपा जिले के बलौदा क्षेत्र के हरदी विशाल गांव में एक दंतैल हाथी ने स्कूल परिसर में रखे मोटर साइकिल और साइकिल को अपनी सूंड से उठा लिया। इसका वीडियो वायरल हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में हाथी विचरण कर रहा है, जिसे लेकर लोगों में दहशत का माहौल है। वन विभाग और पुलिस ने हाथी पर नजर बनाकर रखी हुई है।
शुक्रवार को हाथी कोरबा जिले से होकर जांजगीर चांपा जिले के बलौदा वन मंडल में पहुंचा। हरदिविशाल गांव में शाम करीब पांच बजे के बाद स्कूल के अंदर घुसा गया और साइकिल को उठाकर इधर-उधर करने लगा और एक मोटरसाइकिल को नुकसान पहुंचाया है। हाथी की सारी हरकतों को गांव के लोगों ने अपने कैमरे में कैद किया। उत्पाद करने के बाद वह खेतों में चला गया और फसलों को नुकसान पहुंचाते हुए रात को खिसोरा गांव के ठेठवार पारा की चला गया। डीएफओ प्रियंका पांडेय ने बताया कि झुंड से बिछड़ने के बाद वह चार दिन पहले बलौदा वन मंडल के क्षेत्र में पहुंचा था, जिसके बाद कोरबा चला गया था। शुक्रवार की शाम को फिर से हाथी बलौदा पहुंचा है। गांव के लोगों को बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई है और हाथी के सामने नहीं आने की अपील की गई है। हाथी को सुरक्षित दूसरी जगह भेजना के लिए अचानक मार्ग से एक ट्रैकर हाथी को मंगाया गया है, जो कि अपनी आवाज से हाथी को बुलाकर उसे रिहायसी इलाकों से दूर जंगल में छोड़ सके।