मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के आखिरी दौर में पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने एक नया मास्टरस्ट्रोक खेलकर अजित पवार और भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पवार ने पुणे की तीन सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अजित के सहयोगियों और भाजपा के बड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। इस कदम से भाजपा और अजित गुट में हलचल मच गई है, क्योंकि इन सीटों पर भाजपा और अजित पवार दोनों को ही मजबूत माना जा रहा था।
शरद ने पार्टी में कई नेताओं को शामिल किया
शरद ने पुणे और रायगढ़ में पार्टी में कई नेताओं को शामिल किया, जिनमें प्रमुख रूप से वड़गांव शेरी के पूर्व एनसीपी नगरसेवक रेखा और उनके पति चंद्रकांत टिंगरे शामिल हैं। इसके अलावा, पुणे की हड़पसर सीट पर दिलीप और अनिल तुपे की उनकी पार्टी में एंट्री भी हुई है। इन नेताओं के शामिल होने से पुणे क्षेत्र में महायुति को बड़ा झटका लग सकता है, खासकर उन सीटों पर जहां अजित पवार और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही थी।
रेखा का शरद पवार के साथ आना एक बड़ा राजनीतिक कदम
रेखा का एनसीपी से भाजपा और फिर अजित गुट में आना, और अब शरद पवार के साथ आना एक बड़ा राजनीतिक कदम है। वड़गांव शेरी सीट पर सुनील से रेखा टिंगरे की पुरानी अदावत को देखकर शरद पवार ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल किया है। इसके अलावा, दिलीप तुपे का पुणे नगर निगम में अच्छा दबदबा है, जिससे शरद पवार को अपने पक्ष में स्थिति मजबूत करने का मौका मिला है। इन सभी नेताओं को पार्टी में लाकर शरद ने न केवल अजित बल्कि भाजपा गुट में भी सेंध लगाने की कोशिश की है। इस कदम से शरद पवार ने पश्चिमी महाराष्ट्र में अपनी पकड़ मजबूत करने का लक्ष्य रखा है, और अब महायुति के लिए यह क्षेत्र चुनौतीपूर्ण बन गया है।