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पंधेर की किसानों से अपील- बड़ी संख्या में खनौरी बॉर्डर पहुंचें, 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे

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दिल्ली: किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को फिर से पंजाब सरकार पर किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से जबरन ले जाने का आरोप लगाया। पंधेर ने यह भी कहा कि दल्लेवाल की जगह किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडे आमरण अनशन पर बैठे हैं। पंधेर ने कहा, "सुखजीत का आमरण अनशन दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है।" किसानों की मांगों को लेकर मंगलवार को आमरण अनशन शुरू करने वाले दल्लेवाल को कथित तौर पर खनौरी बॉर्डर से जबरन हटाकर मंगलवार को लुधियाना के एक अस्पताल में जांच के लिए ले जाया गया। भगवंत मान सरकार पर निशाना साधते हुए पंधेर ने बुधवार को कहा कि दल्लेवाल को हटाकर उनके आंदोलन को "विफल" करने के अपने प्रयास में राज्य सरकार विफल रही। 

क्या कहा पंधेर ने? 

उन्होंने आगे कहा कि उन्हें दल्लेवाल की हालत के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, "उनकी हालत क्या है? कोई भी स्पष्ट नहीं कर रहा है।" पंधेर ने कहा कि राज्य सरकार ने खनौरी सीमा से दल्लेवाल को जबरन हटाए जाने के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा, "पंजाब के मुख्यमंत्री को राज्य के लोगों को कल की घटना (दल्लेवाल को हटाए जाने) के बारे में बताना चाहिए और यह क्यों किया गया।" पंधेर ने लोगों से बड़ी संख्या में खनौरी सीमा पर पहुंचने को कहा। किसान नेता ने यह भी कहा कि वे देखेंगे कि क्या सांसद मौजूदा संसद सत्र में फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी, कृषि ऋण माफी के मुद्दे उठाते हैं। दल्लेवाल (70) को खनौरी सीमा पर विरोध स्थल से कथित रूप से जबरन हटाए जाने के बाद मंगलवार को मेडिकल जांच के लिए लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) ले जाया गया। पुलिस उप महानिरीक्षक मनदीप सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कहा कि प्रशासन दल्लेवाल की भूख हड़ताल को देखते हुए उनकी उम्र और स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। 

किसानों की केंद्र से मांग

किसान मांग कर रहे हैं कि केंद्र उनके मुद्दों को हल करने के लिए 10 दिनों के भीतर उनसे बातचीत करे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 18 फरवरी से उनके मुद्दों पर उनसे कोई बातचीत नहीं की है। उन्होंने दोहराया कि प्रदर्शनकारी किसान 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पहले ही आमरण अनशन शुरू करके किसानों की विभिन्न मांगों, जिसमें एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी भी शामिल है, के समर्थन में अपने आंदोलन को तेज करने की योजना की घोषणा की थी। सुरक्षा बलों द्वारा उन्हें दिल्ली कूच करने से रोके जाने के बाद किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। 

प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र पर उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया है और कहा है कि केंद्र ने 18 फरवरी से उनके मुद्दों पर उनसे कोई बातचीत नहीं की है।