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रतुल पुरी की कंपनी के प्रोडक्ट कभी भारत में हिट थे, इस गलती से हुए बर्बाद…

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आपको बता दें कि किसी समय देश में CD, DVD, पेन ड्राइव, मोबाइल का मेमोरी कार्ड बनाने में मोजर बेयर (Moser Baer) दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी थी. देश में इसके ये सभी प्रोडक्ट सपुर हिट थे. लेकिन रतुल पुरी की एक गलती ने कंपनी को डुबो दिया…

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बैंक द्वारा 354 करोड़ रुपये का फ्रॉड करने की मिली शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे और मोजर बेयर (Moser Baer) कंपनी के पूर्व सीनियर एक्जिक्यूटिव रतुल पुरी (Ratul Puri Arrested) को गिरफ्तार कर लिया है. मोजर बेयर कंपनी के 354 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड (Bank Fraud Case) मामले में पुरी पर कार्रवाई हुई है. इस मामले में ईडी (Enforcement Directorate) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (Money Laundering) के तहत मामला दर्ज किया है. आपको बता दें कि किसी समय देश में CD, DVD, पेन ड्राइव, मोबाइल के मेमोरी कार्ड बनाने में मोजर बेयर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी थी. देश में इसके ये सभी प्रोडक्ट सपुर हिट थे. लेकिन रतुल पुरी की एक गलती ने कंपनी को डुबो दिया…

आइए जानें आखिर ऐसा क्या हुआ कंपनी के साथ…

सीडी, डीवीडी, पेन ड्राइव, मोबाइल मेमोरी कार्ड और सोलर प्लांट बनाने वाली कंपनी मोजर बेयर बंद हो गई है. यह नोएडा (जिला गौतमबुद्धनगर) की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल थी. साल 1999 में गौतमबुद्धनगर के फेस-2 और ग्रेटर नोएडा में 2002 में मोजर बेयर की यूनिट शुरू हुई थी.

साल 2006 में कंपनी ने पूरी तरह उत्पादन शुरू किया था. उस समय कंपनी की तरफ से 15 हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा रहा था.

इसके अलावा हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा था. उस दौरान कंपनी में 11 हजार स्थायी और चार हजार अस्थायी कर्मचारी थे.

…लेकिन इस गलती ने किया बर्बाद- फोर्ब्स इंडिया में छपी खबर के मुताबिक साल 2008 की आर्थिक मंदी में दुनियाभर के देशों के साथ भारत भी फंसा हुआ था. उसी समय मोजर बेयर ने अपने सोलर बिजनेस पर बड़ा दांव लगाया. लेकिन मंदी के उस दौर में सोलर बिजनेस से जुड़े सभी पहलू बदल गए. फोटोवोल्टिक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री मंदी की गिरफ्त में फंसती चली गई और उस पर प्राइसिंग का दबाव बढ़ गया.

ऐसे में कंपनी पर कर्ज़ का बोझ बढ़ गया और साल 2012 में कंपनी ने अपने आप को दिवालिया घोषित कर दिया.

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि रतुल पुरी कंपनी उस समय चीन की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री से सीधे तौर पर टक्कर ले लेती थी. उन्हें नहीं मालूम था कि चीन इस इंडस्ट्री में बादशाह है. चीन हमेशा से बेहद सस्ते में बेस्ट सोलर प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है. ऐसे में चीन के सस्ते प्रोडक्ट को मार्केट में टक्कर दे पाना किसी के भी बस में नहीं था. बस यही गलती रतुल पुरी को ले डूबी.

उधर CD, DVD का चलन खत्म होने लगा. टेक्नोलॉजी के बदलते इस युग में मोजर बेयर की CD, DVD की मैन्युफैक्चरिंग बंद हो गई. फिर धीरे-धीरे कंपनी की स्थिति बिगड़ती चली गई. मोजर बेयर की 50 से अधिक वेंडर कंपनियां थीं, जिनमें हजारों लोग काम करते है. मोजर बेयर बंद होने के बाद उनकी रोजी रोटी पर भी संकट खड़ा हो गया.

अब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने मोजर बेयर को दिवालिया घोषित कर चुकी है. कंपनी पर 4356 करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि इंटरिम प्रोफेशनल रिजोल्यूशन के तहत इसकी औसत कीमत 337.45 करोड़ रुपये तय की गई है.

रतुल पुरी दे चुके हैं मोजर बेयर से इस्तीफा- रतुल पुरी ने 2012 में मोजर बेयर के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, उनके पिता दीपक पुरी और मां नीता पुरी अभी भी कंपनी के बोर्ड में बने हुए हैं. सीबीआई ने दीपक, नीता के अलावा मोजर बेयर से संबंधित संजय जैन और विनीत शर्मा के खिलाफ भी केस दर्ज किया था. सभी के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई भी की गई थी.

354 करोड़ के बैंक घोटाले का आरोप-सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने फोरेंसिक ऑडिट के बाद अप्रैल में मोजर बेयर के खाते को फ्रॉड घोषित किया था. बैंक का कहना था कि मोजर बेयर 2009 से लोन ले रही थी. कई बार कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग करवाई.

आरोप हैं कि कंपनी के निदेशकों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक से फंड जारी करवाया. मोजर बेयर, इसके निदेशकों और प्रमोटरों ने कारोबारी लोन का निजी इस्तेमाल किया. कंपनी की बैलेंस शीट की भी गलत जानकारी दी.

रतुल अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भी जांच के घेरे में हैं. रतुल पर उनकी कंपनी के जरिए कथित तौर पर रिश्वत लेने का आरोप है.

ईडी का आरोप है कि रतुल के स्वामित्व वाली कंपनी से जुड़े खातों का उपयोग रिश्वत लेने के लिए किया गया. 3600 करोड़ रुपए की अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील से जुड़े घोटाले में भी पुरी पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं.