पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने रविवार को कहा कि आतंकवाद का धर्म से कोई रिश्ता नहीं होता है और इस्लाम शांति का धर्म है.
56वें कन्वेंशन ऑफ इस्लामिक सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमरीका (आईएसएनए) को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि इस्लाम हमें शांति सिखाता है और किसी एक व्यक्ति के जुर्म के लिए पूरे समुदाय को बदनाम नहीं किया जा सकता.
इमरान ख़ान ने कहा, ”आतंकवाद को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. आख़िर मुसलमानों को संदिग्ध के तौर पर क्यों देखा जाता है? यूरोप में भी मुसलमानों के धार्मिक स्थलों पर हमले होते हैं. अमरीका में 9/11 से पहले तमिल टाइगर आत्मघाती हमले करते थे. आतंकवाद किसी भी मजहब से जुड़ा नहीं होता है. भारत तो कश्मीरियों के संघर्ष को भी आतंकवाद से जोड़ता है.”
इस संबोधन में इमरान ख़ान ने कश्मीर को लेकर भारत से तनाव के बारे में भी बोला. पीएम ख़ान ने परमाणु युद्ध की आशंका और उसके नतीजों की भयावहता का भी ज़िक्र किया.
इमरान ख़ान ने कहा, ”अगर दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच जंग हुई तो यह छोटा युद्ध नहीं होगा. मैंने मुस्लिम देश के शासकों से बात की है. मैं जानता हूं कि भारत में कुछ लोग अब भी नेहरू और गांधी की विचारधारा में भरोसा करते हैं लेकिन मोदी के पीएम बनने के बाद से हालात बदले हैं. मुझे उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय कश्मीर को लेकर अपनी भूमिका अदा करेगा.”
एनआरसीः ‘सूची से बाहर लोग राष्ट्र विहीन नहीं’
एन्आरसी की अंतिम सूची आने का बाद विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जो लोग राष्ट्र नागरिक पंजी से बाहर हैं वे लोग राष्ट्र से विहीन नहीं हैं.
मंत्रालय ने कहा कि एनआरसी से बाहर एक भी व्यक्ति के अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “जिन लोगों के नाम सूची में नहीं है उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाएगा और क़ानून के तहत उपलब्ध सभी विकल्पों पर विचार होने तक उनके पास पहले की तरह सभी अधिकार होंगे.”
ब्रिटेनः सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी ने अपने सांसदो को दी चेतावनी
ब्रिटेन की सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी ने अपने सांसदों से कह दिया है कि अगर वो बिना समझौते के ब्रेग्ज़िट के खिलाफ वोट करेंगे तो उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया जाएगा.
सांसदों का एक समूह बिना समझौते के ब्रेग्ज़िट को रोकने के लिए इस हफ्ते एक विधेयक लाने की योजना बना रहा है.
ये योजना तभी सफल हो सकती है, जब कुछ कंज़र्वेटिव सांसद अपनी ही सरकार के खिलाफ वोट करें. समूह के एक करीबी सूत्र ने कहा है कि धमकियों की वजह से वो अपने सिद्धांतों को नहीं छोड़ेंगे.