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रेड वाइन पीने से महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी परेशानी में आती है कमी

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वाइन पीना सेहत के लिए नुकसानदायी है,बार-बार चिकित्सक भी सलाह देते हैं कि वाइन पीने से सेहत खराब होती है। वैसे तो एल्कोहल सभी को हानी पहुंचाता है खासतौर पर महिलाओं को, क्योंकि इससे महिलाओं की गर्भधारण की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।

लेकिन हाल ही में आई रिपोर्ट कुछ और ही कहती है। रिपोर्ट के अनुसार रेड वाइन पीने से महिलाओं में गर्भधारण की क्षमता बढ़ती है साथ ही पीरियड्स से जुड़ी परेशानी में भी कमी आती है।

पोलैंड और कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के बाद यह दावा किया है कि रेड वाइन में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट रेसवेरेट्रॉल (जो कि लाल अंगूर के छिलकों में भी पाया जाता है) महिलाओं में पीसीओएस (पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम) से निजात दिलाने में लाभदायक है। इतना ही नहीं, महिलाओं में वजन बढऩे की समस्या, अनचाहे बालों तथा बांझपन जैसी समस्याओं में भी रेड वाइन लाभदायक होती है।

लेकिन रेड वाइन के साथ एक समस्या यह भी है कि इसमें रेसवेरेट्रॉल की मात्रा बहुत ही कम होती है, इसका मतलब यह है कि आपको थोड़े से रेसवेरेट्रॉल के लिए सैकड़ों बोतल रेड वाइन पीनी होगी। बाजार में एंटीऑक्सीडेंट रेसवेरेट्रॉल की दवाएं (जो कि रेग्युलेटरी अथॉरिटी से अप्रूव नहीं हैं) भी उपलब्ध हैं

लेकिन इसके साथ भी एक परेशानी है। आपको बता दें कि जब भी कोई ऐसी दवाएं खाता है

तो लीवर दवा में रेसवेरेट्रॉल को फिल्टर करके बहुत ही कम मात्रा में शरीर के बाकी हिस्सों तक जाने देता है, यानि रेसवेरेट्रॉल की अधिक मात्रा के लिए आपको ढेर सारी दवाएं खानी होंगी।

लेकिन रेसवेरेट्रॉल के अत्यधिक प्रयोग से आंत की बीमारियां होने का खतरा रहता है।इससे पहले रेड वाइन से जुड़ी कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आईं थी। रिपोर्ट का दावा था कि रेसवेरेट्रॉल शरीर में पाए जाने वाले एसआईआरटी 1 एन्जाइम (जो कि उम्र को बढऩे से रोकता है) को एक्टिवेट कर देता है।

अध्ययन कर्ताओं ने पाया कि रेड वाइन के प्रयोग से चूहों की लाइफ बढ़ गई। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि इसके प्रयोग से कैंसर और डाइबिटीज जैसी बीमारियों से भी छुटकारा पाया जा सकता है।