राजधानी में भी प्याज की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गई है। जहां प्याज का भाव लोगों की आंसू निकाल रहा है। वहीं लहसून की कीमत की वजह से किचन में दाल में तड़का लगाने से रोक रहा। वर्तमान में प्याज की कीमत यहां 55 से 60 रुपए खुदरा बाजार में है। वहीं लहसून की कीमत थोक में दो सौ रुपए के करीब पहुंच गई है। सब्जी के महत्वपूर्ण तत्व लहसुन, प्याज की कीमतों ने सब्जियों का स्वाद बिगाड़ कर रख दिया है।
थोक सब्जी कारोबारी टी श्रीनिवास का कहना है कि रायपुर में प्याज की कीमत अभी स्थिर है, आने वाले दिनों में प्याज की आवक कम होने से स्थिति बिगड़ सकती है। इसके अलावा थोक कारोबारी प्याज को कोल्ड स्टोरेज में जाम करते हैं, उस स्थिति में प्याज की कीमतें बढ़ सकती हैं। कारोबारी के मुताबिक भनपुरी स्थित थोक आलू, प्याज, लहसुन का मंडी में पर्याप्त स्टाक है। भनपुरी में 10 से 12 आलू.प्याज के थोक कारोबारी हैं। मंडी में औसतन प्रतिदिन 25 से 30 ट्रक प्याज की वर्तमान में आवक है। इस लिहाज से रायपुर में प्रतिदिन 400 से 450 टन प्याज की आवक है। इस वजह से प्याज के दाम यहां साठ रुपए के करीब आकर टिके हुए हैं।
मॉनिटरिंग के लिए कोई निर्देश जारी नहीं
खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शासन स्तर पर प्याज का स्टॉक चेक करने तथा कीमतों की मॉनिटरिंग करने किसी तरह से अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। बावजूद इसके विभाग अपने स्तर पर प्याज और लहसुन के स्टाक तथा कीमतों पर नजर रख रहा है और शासन को इसकी नियमित रिपोर्ट दी जा रही है।
नई फसल आने के बाद मिलेगी राहत
आलू, प्याज के थोक कारोबारियों के मुताबिक प्याज की नई फसल आने में 15 से 20 दिन का समय लगेगा। नई फसल आने के बाद प्याज की कीमतें कुछ कम हो सकती है। प्याज की कीमत 15 से 20 रुपए होने में एक से डेढ़ महीने का समय लग सकता है। इसके पहले राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
लहसुन में राहत मिलने की उम्मीद नहीं
कारोबारियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में लहसुन राजस्थान और मध्यप्रदेश, इंदौर से आवक होती है। इस वर्ष भारी बारिश के चलते लहसुन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। इस वजह से सीजन में लहसुन की कीमतों में राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती। नई फसल आने से पहले लहसुन की कीमत और बढ़ने की संभावना है।