बदलते मौसम के साथ ही बाजार में मूली भी बिकने लग जाती है। मूली खाने में तो स्वादिष्ट लगती है, साथ ही इसके सेहत के लिए कई सारे फायदे भी होते हैं। मूली पेट, पीलिया, श्वास संबंधी कई रोगों को दूर करने का काम करती है।
आज हम आपको मूली के वो फायदे बता रहे हैं, जिनके बारे में जानकर आप भी मूली खाना बहुत जल्द शुरू कर देंगे।
सांस संबंधी दिक्कतों के लिए फायदेमंद- अगर आपको सांस संबंधी कोई परेशानी है या खांसी हो रही है तो आप मूली पर लगने वाली फली के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर छाया में सुखाएं, फिर उसे जला दें। उसके बाद राख को 8-10 गुना पानी में भिगो दें और 5-7 घंटे बाद ऊपरी राख को बाहर निकाल दें और जो नीचे बच जाए उस गाढ़े भाग को रख लें और नियमित रुप से इसका सेवन अवश्य करें।
यह श्वांस, खांसी बलगम में अत्यंत लाभकारी है। वहीं आधा किलो मूली के छार में 100 ग्राम पिप्पली को पीसकर शहद के साथ चाटें। यदि छोटा बच्चा है तो 100 से 200 मिली ग्राम और बड़ा है तो आधा ग्राम में ही दे दें। इससे श्वास व खांसी जैसी परेशानियां भी बहुत दूर हो जाएंगी।
पीलिया के रोगियों के लिए लाभदायक- पीलिया के रोगियों के लिए मूली बहुत ही लाभकारी है। जिन लोगों को पीलिया की शिकायत भी है, वो एक कप मूली का रस खाली पेट सुबह-सुबह नियमित रुप से अवश्य पीएं। इससे पीलिया के रोग में लाभ मिलेगा। जिनको शारीरिक कमजोरी है, उनके लिए भी मूली रामबाण है। इसके लिए मूली के बीज को भूनकर पाउडर बनाकर मिश्री मिला लें और सुबह-शाम 1-1 चम्मच दूध के साथ सेवन करें। इससे शारीरिक कमजोर दूर होगी और तंदरुस्ती भी बहुत बढ़ेगी।
बवासीर रोगियों के लिए फायदेमंद- जिन लोगों को बवासीर की शिकायत है, या अफारा है वो मूली की पत्तियों को छाया में सुखाकर पाउडर बना लें और 2-2 चम्मच प्रतिदिन खाली पेट पानी के साथ सेवन करें। इससे बवासीर में लाभ मिलेगा।
पथरी निकालने के लिए लाभदायक- जिनको पथरी की शिकायत है या पथरी बनने की संभावना है। वो यदि आधा ग्राम मूली के क्षार में मूली के रस को मिलाकर प्रतिदिन खाली पेट पीते हैं तो गुर्दे की पथरी निकल जाएगी और पथरी बनने की संभावना भी खत्म हो जाएगी।
लीवर संबंधी दिक्कतें होती है दूर- अगर आपको लीवर संबंधी दिक्कत या लीवर बढ़ने की परेशानी है तो मूली के चार टुकड़े कर लें और बीच से चीर कर उसमें 3-4 ग्राम नौसादर छिड़क कर रात को उसे खुले आसमान के नीचे साफ जगह पर रख दें। उसके बाद सुबह उससे निकले पानी को खाली पेट पिएं और मूली को खा जाएं। इससे पेट का अफारा ठीक होगा और लीवर में फायदा होगा।
पेट के रोग भी होते हैं ठीक- जिनको पेट के रोग हैं वो मूली के बीज को भूनकर उसका पाउडर बना लें और उसमें थोड़ी काली मिर्च व काला नमक मिलाकर नियमित रुप से उसका सेवन करें। इससे पाचन तंत्र ठीक होगा और पेट संबंधी सभी विकार भी दूर हो जाएंगे।