बिहार के मुंगेर और मध्य प्रदेश के भिंड से बड़ी संख्या में .32 बोर की पिस्टल दिल्ली लाकर बेची जा रही हैं. आए दिन दिल्ली पुलिस हथियार तस्करों को पकड़ती भी है. लेकिन पिस्टल की तस्करी का सिलसिला लगातार जारी है. वहीं तस्कर पुलिस को गच्चा देने के लिए हर बार एक नया तरीका अपनाते हैं. पुलिस भी हथियार तस्करी के नए-नए तरीके देखकर हैरान है. खास बात यह है कि हथियार तस्करी के इस काम में महिलाओं का भी सहारा लिया जा रहा है.
घटी के डिब्बे में छिपाकर ऐसे लाते हैं पिस्टल
ने बीते दो दिन पहले दो को गिरफ्तार किया है. आरोपी भिंड मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. उनके पास से 26 पिस्टल और कई मैगजीन बरामद हुई हैं. लेकिन पुलिस को हैरान करने वाली बात यह है कि यह पिस्टल घी के दो बड़े डिब्बों में छिपाकर कार में भिंड से दिल्ली लाई गईं थी. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 15 किलो के एक डिब्बे में 12 तो दूसरे में 14 पिस्टल रखी गईं थी. हर पिस्टल को पॉलिथीन में लपेटकर रखा गया था.
सभी पिस्टल को रखने के बाद ऊपर से एक मोटी पॉलिथीन बिछा दी गई थी. उसके बाद गर्म किए गए घी को ऊपर से डाल दिया गया था. डिब्बे में घी जम जाने के बाद यह पता नहीं लगता था कि उसके नीचे भी कोई सामान रखा गया है. लेकिन ऐसा करते हुए यह एतियात बरती जाती थी कि डिब्बे का वजन 15 किलो से ज्यादा न होने पाए.
सीएनजी के सिलेंडर में छिपाकर ला रहे थे हथियार
तीन दिन पहले दिल्ली पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक आई-10 कार को पकड़ा था. पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक कार से दिल्ली में हथियार लाए जा रहे हैं. इसी के आधार पर पुलिस ने कार को चेक करना शुरु कर दिया. पुलिस जब आई-10 कार की तलाशी ले रही थी तो उसे कार चालक पर कुछ शक हुआ. लेकिन कार की तलाशी में कुछ नहीं मिला. लेकिन पलिस ने जब सीएनजी सिलेंडर की बारीकी से जांच की तो उसमे से 40 पिस्टल, एक कारबाइन और 20 मैगजीन निकलीं. पुलिस ने कार और चालक को हिरासत में ले लिया है. वहीं पता चला है कि आरोपी एक साल से इसी तरह हथियारों की तस्करी कर रहा था.
तस्करी के लिए कार में बना रखा था तहखाना
मुस्तैद रहते हुए दिल्ली पुलिस चेकिंग के दौरान एक बार में 100 से 150 पिस्टल तक बरामद कर रही है. लेकिन इसके बाद भी खासतौर से .32 बोर पिस्टल की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है. दिल्ली पुलिस की मानें तो तस्कर सामान्य तौर पर एक खास तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह तरीका है कार में किसी भी जगह एक तहखाना बना लेते हैं. उसी तहखाने में यह पिस्टल, मैगजीन और कारतूस छिपाकर लाते हैं. कभी-कभी तहखाना इतनी सफाई से बनाया गया होता है कि यह आसानी से पकड़ में नहीं आता है.