पेट रॉक के फाउंडर गैरी डेल को अपना आइडिया एक मजाक से मिला, और इसका जितना मजाक बना ये उतना ही सफल होता चला गया। पेट रॉक के लॉन्च होने के साथ सिर्फ 6 महीने में गैरी ने 60 लाख डॉलर (41.10 करोड़ रुपए) कमा लिए।
एडरवटाइजिंग एग्जीक्यूटिव गैरी डेल 1975 के एक दिन अपने दोस्त के साथ थे। उनका दोस्त बार-बार अपने कुत्ते की शिकायत कर रहा था। अचानक गैरी ने मजाक किया कि उनके पास जो कुत्ता है वो बिल्कुल पत्थर की तरह है, न उसे खाने की जरूरत हैं और न ही वो घर गंदा करता है।
अगले आधे घंटे तक दोनो दोस्त इसी बारे में मजाक करते रहे कि पत्थर से बना पेट कितना फायदेमंद है। अगले दिन भले ही गैरी का दोस्त ये सब भूल गया लेकिन गैरी को सब याद रहा। उसने मजाक-मजाक में कही गई सभी बातें नोट की और हथेली से भी छोटे पत्थर को लेकर कर पेट रॉक लॉन्च कर दिया।
पेट रॉक वास्तव में नदी के किनारे मिलने वाला एक आम पत्थर था, जिसे डेल ने एक पालतू जानवर की तरह पेश किया। इसके साथ ही गैरी ने इस पत्थर के साथ कुछ ऐसी चीज भी दी जिसके लिए लोगों ने इसके लिए 4 गुना कीमत चुकाई।
गैरी ने ये प्रोडक्ट 1975 के क्रिसमस में लॉन्च किया था। प्रोडक्ट की सेल्स सिर्फ 6 महीने ही अपने हाई पर रही, लेकिन इस दौरान 4 डॉलर प्रति पेट की दर से 15 लाख पेट रॉक बिक गए।
भले ही पेट रॉक की सेल्स सिर्फ 6 महीने चली हो लेकिन इसकी सफलता ने गैरी की इतनी कमाई करा दी कि उसने इस पैसे से कई दूसरे बिजनेस को खड़ा कर लिया। गैरी ने इस रॉक की कमाई से अपना खुद का एड बिजनेस शुरू कर दिया।
माना जाता है कि पेट रॉक की बिक्री में सबसे अहम बात बेल का प्रजेंटेशन था। टाइम में पब्लिश आर्टिकल के मुताबिक पेट रॉक सिर्फ एक फीसदी प्रोडक्ट और 99 फीसदी मार्केटिंग थी। बेल ने इस प्रोडक्ट के साथ घर के शेप की पैकेजिंग दी। इस पैकेज में हवा के आने जाने के लिए खिड़किया बनी थीं। वहीं एक छोटा सा घोसला और एक गाइड बुक दी गई थी।