10 दिनों से राजपुर वन परिक्षेत्र में स्वच्छंद विचरण कर रहे 15 हाथियों के दल ने बीती रात ग्राम पंचायत सेवारी के सरनापारा में मां-बेटे को कुचल कर मार डाला। हाथियों के हमले में दो महिलाएं भी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं ,जिन्हें अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है ।
मृतक और घायल एक ही परिवार के सदस्य हैं ।इस घटना से सेवारी व आसपास के इलाके में भय का माहौल निर्मित हो गया है ।घटना की खबर मिलते ही सामरी विधायक चिंतामणि महाराज भी मौके पर पहुंच गए हैं ।मृतकों के परिजनों को तात्कालिक सहायता के रूप में 25- 25 हजार रुपे प्रदान कर दी गई है ।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत सेवारी के सरनापारा मोहल्ले में बीती रात 15 हाथियों का दल पहुंचा था ।इस बात से जंगल किनारे घर में रहने वाले लोग अनभिज्ञ थे ।बताया जा रहा है कि घर के एक हिस्से में महिलाएं व बच्चे सो रहे थे तथा दूसरी ओर पुरुष सदस्य थे ।जिस ओर महिलाएं सो रही थी, उसी ओर दल में शामिल एक हाथी पहुंच गया ।उसकी आहट पाकर सभी की नींद खुल गई और वे जान बचाकर बदहवास भागने लगे ।
रात के अंधेरे में उन्हें पता ही नहीं चला कि हाथी किस ओर खड़े हैं। हाथियों का दल जिधर मौजूद था उधर ही चारों भाग निकले। हाथियों के घेरे में फसते ही सरोज तिर्की नामक महिला को हाथियों ने कुचल कर मार डाला ।दो महिलाएं और मृतिका का पुत्र भाग पाते उसके पहले ही हाथियों ने उन्हें भी घेर लिया।
महिलाओं को गंभीर रूप से घायल के करने के बाद हाथी आगे बढ़ गए थे ।रात में ही वन अमला मौके पर पहुंच गया था ।गंभीर रूप से घायल दोनों महिलाओं को रात में ही अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में शिफ्ट करा बालक की खोजबीन की जा रही थी।
तड़के मृतिका सरोज तिर्की का पुत्र विवेक तिर्की 4 वर्ष का शव घर से लगे धान के खेत में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला ।घटना की खबर मिलते ही विधायक चिंतामणि महाराज सुबह ही मौके पर पहुंच गए ।उन्होंने संपूर्ण घटना की जानकारी लेकर मृतकों के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की और दुखद हादसे पर गंभीर संवेदना जताते हुए वन अधिकारियों कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिया कि हाथियों पर सतत निगरानी की जाए ।ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी जनहानि की घटनाएं ना हो ।
विदित हो कि 15 हाथियों का यह दल प्रतापपुर वन परिक्षेत्र से राजपुर वन परिक्षेत्र में प्रवेश किया है ।इस दल में प्यारे हाथी भी है जिसमें सेटेलाइट कॉलर आईडी लगी हुई है। वन अधिकारियों द्वारा दावा किया जाता है कि सेटेलाइट के जरिए हाथियों के लोकेशन की जानकारी मिलती है ,उसी आधार पर उनके संभावित विचरण क्षेत्रों में ग्रामीणों को सतर्क किया जाता है लेकिन बीती रात हुए घटना के बाद वन अमले की सक्रियता पर सवाल उठने लगे हैं ।
ग्रामीणों को नाराजगी इस बात की है कि हाथियों की मौजूदगी को लेकर किसी प्रकार की कोई जानकारी प्रभावित क्षेत्र में नहीं दी गई थी ।लोगों को पता ही नहीं था कि हाथियों का दल सेवारी जंगल में जमा हुआ है। यदि पहले से ही पता होता तो लोग सुरक्षित ठिकानों पर चले जाते और यह घटना नहीं होती हाथियों का दल अभी भी नजदीक के जंगल में ही जमा हुआ है।