मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में खुलासों का क्रम जारी है। SIT की पूछताछ में लगातार नए – नए खुलासे सामने आ रहे हैं। यह बात पहले ही खबरों में आ चुकी है कि, पिछली सरकार के कई मंत्रियों और एक तत्कालीन सीएम की भी इस गिरोह से निकटता रही है, उन्होंने गिरोह की सदस्यों की काफी मदद भी की।
खबरों की मानें तो मध्यप्रदेश – छत्तीसगढ़ के कई राजनेताओं व वरिष्ठ अफसरों की करतूतों का चिट्ठा SIT के हाथ लग चुका है। करीब 40 कॉल गर्ल और बॉलीवुड की बी ग्रेड अभिनेत्रियाें व मॉडल के भी गैंग से जुड़े होने के सबूत भी उसके हाथ लग चुके हैं।
समझा जा सकता है कि, हसीनाओं के गैंग से नेताओं व अफसरों की निकटता शुरू में चाहे हुस्न के लिए की गई हो लेकिन बाद में मजबूरी बन गई होगी, जब हसीनाओं ने उनके साथ अपनी अश्लील वीडियो बनाकर फंसाया होगा।
खुलासों के इस क्रम में एक और बड़ी बात सामने आ रही है कि एक पूर्व मंत्री की पत्नी हनी ट्रैप गैंग के एनजीओ और कारोबार से बाकायदा जुड़ी रही हैं। उन्होंने इस एनजीओ को भाजपा के कई सांसदों से फंड भी दिलाया है। खबरों के अनुसार मंत्रीजी की पत्नी ने अपने सम्बंधों के बल पर छत्तीसगढ़ से भी इस एनजीओ को करोड़ों रुपए दिलवाए हैं।
शिक्षा विभाग से जुड़े रहे एक पूर्व मंत्री की पत्नी की पार्टनरशिप भोपाल की आरोपी महिला के पति के एनजीओ स्वप्निल एजुकेशन सोसाइटी और दूसरे कारोबार में थी। इसके चलते माननीय की भी मेहरबानी रही कि, इस एनजीओ को पिछले 6 साल से शिक्षा विभाग के साथ दूसरे सरकारी विभागों और सांसद निधि से करोड़ों रुपए का फंड मिला।
इसके अलावा इस एनजीओ को दिल्ली, मुम्बई की बड़ी कंपनियों से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड भी मिला था। यही नहीं इस एनजीओ को मध्यप्रदेश के साथ साथ 2010 से छत्तीसगढ़ में भी बड़े स्तर पर काफी काम मिला था।