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छत्तीसगढ़ : प्लास्टिक कचरा के बदले भोजन योजना शुरू

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छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक मुक्ति अभियान को निराला अंदाज दिया गया है। यहां एक किलो प्लास्टिक पर एक समय का खाना और 500 ग्राम प्लास्टिक पर नाश्ता दिया जाने लगा है। इसके लिए गार्बेज कैफे बनाया गया है। इस कैफे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने स्वयं खाना खाकर अभियान की शुरुआत की। अम्बिकापुर के प्रतीक्षा बस स्टैंड पर बनाए गए गार्बेज कैफे का बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने लोकार्पण किया और उसके बाद कैफे में ही बैठकर उन्होंने खाना भी खाया। इस मौके पर उन्होंने नगर निगम की पहल का स्वागत करते हुए कहा, ‘यह शहर को प्लास्टिक मुक्त करने की मुहिम है, जिसमें एक किलोग्राम प्लास्टिक लाने पर एक वक्त का खाना और 500 ग्राम प्लास्टिक लाने पर नाश्ता दिया जाएगा।’

नगर निगम अम्बिकापुर ने इससे पहले विभिन्न किस्म के कचरा को अलग करने का भी अभियान चलाया। इसका जिक्र करते हुए सिंहदेव ने कहा, ‘नगर निगम अपने अभियान में रुका नहीं और उसने प्लास्टिक का कचरा देने के बदले खाना देने की मुहिम की शुरुआत की है। यह देश और दुनिया के लिए नजीर बनेगा।’

ज्ञात हो कि सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर के नगर निगम ने शहर को साफ-सुथरा और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए यह नई योजना बनाई है। इस योजना का मकसद शहर को पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त बनाना है। इस योजना को कुछ इस तरह तैयार किया गया है कि जो लोग कचरा बीनने का काम करते हैं, उन्हें प्लास्टिक कचरे के एवज में भोजन और नाश्ता दिया जाए।

निगम की योजना के अनुसार, एक किलोग्राम प्लास्टिक का कचरा लाने पर 40 रुपये मूल्य का भोजन और 500 ग्राम कचरे पर 20 रुपये कीमत का नाश्ता संबंधित व्यक्ति को दिया जाएगा। इसके लिए बस स्टैंड पर गार्बेज कैफे तैयार किया गया है। खाने में रोटी, चावल, दाल के अलावा दो तरह की सब्जी दी जा रही है।