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पान मसाले के कारण चिकित्सा विभाग व पुलिस आमने-सामने, पढ़े पूरी ख़बर

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रामसिंह राजावत। सूरौठ थाना पुलिस की ओर से जब्त किए गए गोल्ड मोहर पान मसाले व सफल जर्दा व गुटखे से भरे ट्रक मामले में नया मोड़ आ गया है। पिछले पांच दिन से जब्त ट्रक थाना परिसर में खड़ा है और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और पुलिस एक दूसरे की कमी बताकर दोषारोपण में लगे हुए हैं और कार्रवाई के मामले में दोनों ही पक्ष जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। अफसरों के इस रवैये से सरकार की हानिकारक पान मसाले पर बैन करने की मंशा पान फिरता नजर आ रहा है। यही कारण है कि प्रदेश भर में हानिकारक पान मसाले की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है और करौली स्वास्थ्य अधिकारी की टीम हानिकारक पान मसाले का सेंपल तक नहीं कर पाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसा सूरौठ थाना पुलिस ने छह अक्टूबर की रात को अवैध रूप से आगरा से गोल्ड मोहर पान मसाले के ट्रक के आने की सूचना मिली थी और पुलिस ने भरतपुर-गंगापुर स्टेट हाईवे पर हिंडौन से पहले ट्रक को पकड़ लिया और जांच की। इसके बाद पुलिस ने करौली चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर जांच के लिए आग्रह किया ताकि हानिकारक तत्वों से युक्त पान मसाले की जांच की जा सके।

इसके बाद करौली कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने यह कहकर पुलिस को इंतजार करने के लिए कहा कि अभी फूड इंस्पेक्टर नहीं है। विभाग से जल्द फूड इंस्पेक्टर भिजवाने के लिए कहा है ताकि सेंपल लिया जा सके। तीन दिन बाद भी फूड इंस्पेक्टरों की टीम नहीं पहुंची तो पुलिस ने फिर करौली के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से सेंपल के लिए आग्रह किया ताकि मामले का निपटारा किया जा सके। इसके बाद पांच दिन गुजर गए लेकिन हानिकारक तत्वों से युक्त पान मसाले की जांच नहीं हो सकी। करौली की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम मूकदर्शक बनी हुई है और जिले में अभी तक खाद्य पदार्थों के सेंपल नहीं लिए जा सके। प्रदेश भर में हानिकारक तत्वों से युक्त पान मसाला व मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ अभियान कागजों में ही सिमट कर रह गया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक के के शर्मा से सवाल-जवाब
सवाल-करौली में हानिकारक तत्वों से युक्त पान मसाले का जब्त ट्रक पांच दिन से खड़ा है और अभी सेंपल नहीं लिया जा रहा, क्या विभाग की कथनी और करनी में इतना भारी अंतर है।
जवाब-मुझे इसकी जानकारी नहीं है, हानिकारक तत्वों से युक्त पान मसाले के सेंपल लिए जा रहे हैं।
सवाल-करौली के सीएमएचओ ने विभाग को पत्र लिखकर अवगत कराया और आप कह रहे हैं कि जानकारी नहीं है, क्या सीएमएचओ के पत्र भी नहीं पढ़ते?
जवाब-सीएमएचओ को पत्र के साथ फोन भी करना चाहिए था, अभी जनता क्लिनिक के लिए दौरा करने आया हूं। अभी जाते ही पत्र चैक करवाता हूं और लापरवाही बरतने वालों का भी पता करवाते हैं।
सवाल-सरकार का मिलावट व हानिकारक तत्वों से युक्त पान मसाले के खिलाफ इतना बड़ा अभियान है और कई जिलों में एक भी सेंपल नहीं हुआ। यह अभियान कहीं दिखावटी तो नहीं लग रहा।
जवाब-मिलावट के खिलाफ अभियान तेज होगा। जहां-जहां खामियां है, उन्हें सुधारेंगे। तबादलों की वजह से कुछ दिक्कतें सामने आई।
सवाल-विभाग की और से निकाले गए आदेश का तो उल्टा असर हो गया, पान मसाले की दरें बढ़ गई और धड़ल्ले से हो रही विक्री से तो विक्रेता मालामाल हो रहे हैं, विभाग की ओर से ठोस कार्रवाई कहीं नजर नहीं आ रही, आपका क्या कहना है?
जवाब-देखिए इस मामले में समीक्षा कर रहे हैं, कमियों में सुधार किया जाएगा

करौली के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दिनेश मीणा से सवाल-जवाब
सवाल-सूरौठ थाने में जब्त ट्रक में भरे पान मसाले का सेंपल क्यों नहीं हो पाया?
जवाब-विभाग को पत्र लिख दिया, फूड इंस्पेक्टर नहीं है ऐसे में अभी तक जिले में कोई सेंपल नहीं हो पाया। अभी कलक्टर साहब की मीटिंग में जा रहा हूं।
सवाल-पुलिस तो पान मसाले की जांच के लिए बार-बार आग्रह कर रही है और विभाग टालमटोल कर रहा है, कहीं ऐसा तो नहीं है कि सरकार की मंशा पर अफसर पानी फेरने में जुटे हुए हैं।
जवाब-विभाग को पत्र लिखने के साथ अतिरिक्त निदेशक फूड को फोन पर अवगत करवा दिया। अतिरिक्त निदेशक ने निदेशक को नहीं बताया तो वे क्या करें? वे अभी निदेशक को अवगत करवा देते हैं कि जिले में खाद्य पदार्थों की सेंपलिंग नहीं हो रही।