Home क्षेत्रीय खबरें / अन्य खबरें Ayodhya Case: वैद्यनाथन ने कहा- अंग्रेजों ने जो भूमि उन्हें दी, वह...

Ayodhya Case: वैद्यनाथन ने कहा- अंग्रेजों ने जो भूमि उन्हें दी, वह यह स्थान नहीं था जो राम जन्म भूमि है

0

अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 39वें दिन की सुनवाई पूरी हो गयी. आइये जानते हैं सुनवाई के दौरान कोर्ट में किस पक्ष ने क्या दी दलील.

  • वैद्यनाथन- मुस्लिम पक्ष ने इस मामले की सुनवाई के दौरान जून 1860 के दस्तावेज का उपयोग किया है जो इस केस से जुड़ा पहला लीगल दस्तावेज है. सबसे पहले तो इस दस्तावेज़ का अनुवाद ही गलत लगाया गया है. पहले लगाए गए तर्जुमे की तुलना में इसमें नए बिंदु जोड़ दिए गए हैं और वक्फ का ज़िक्र किया गया है. इस तरह कैसे चल सकता है. इस ज़मीन के सम्बंध में स्वामित्व के लिए 1860 के जिस दस्तावेज़ का उल्लेख किया गया है, उस पर यह विचार करना ज़रूरी है कि उस समय अंग्रेजों ने बाबर के समय मस्ज़िद बनवाने वाल साहब बाकी से मीर रजब अली तक परिवार श्रृंखला की कोई जाँच नहीं की थी. ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो इसे न तो ग्रांट टाइटल साबित करता है और न ही डेडिकेशन टाइटल कहा जा सकता है इस जमीन को.
  • SC ने वैद्यनाथन से पूछा कि आपको कितना समय चाहिए. वैद्यनाथन ने कहा कि कोर्ट जितना उचित समय चाहे हमको दे सकता है.CJI ने हिंदू पक्षकार के सभी वकीलों को 45-45 मिनट अपनी जिरह पूरी करने के लिए दिया.इसके बाद राजीव धवन को कल जिरह पूरी करने के लिए एक घंटे का समय दिया जाएगा.उसके बाद दोनों पक्षों को अपनी दलील पर बोलने के लिए 45- 45 मिनट दिया जाएगा.17 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट मोल्डिंग ऑफ रिलीफ़ पर बहस करेगा.
  • वैद्यनाथन- एक देवता को समर्पित संपत्ति प्रतिकूल कब्ज़ा नहीं हो सकती. मुस्लिम पक्ष को इस मामले में मालिकाना हक साबित करना होगा, क्योंकि उनके पास कोई विशेष अधिकार नहीं था. उन्होंने इसके अनुवाद के साथ एक दस्तावेज दिखाया जिसमें बाबर अनुदान का जिक्र था जो सुप्रीम कोर्ट को दिए गए अनुवाद के पूरी तरह विपरीत था. वैद्यनाथन ने कहा कि अंग्रेजों ने जो भूमि उन्हें दी थी, वह यह स्थान नहीं था जो राम जन्म भूमि है.
  • वैद्यनाथन- मुस्लिमों का विशिष्ट अधिकार नहीं था.
    जस्टिस बोबडे- लेकिन इसका इस्तेमाल मस्जिद के रूप में किया जाता था.
    वैद्यनाथन- हां. मुसलमानों द्वारा कब्जे का कोई सबूत नहीं है. वे इस पर भरोसा करते हैं.
    जस्टिस चंद्रचूड़ – निष्कर्षों का सारांश है कि वे इस पर भरोसा नहीं कर रहे हैं.
  • सीएस वैद्यनाथन ने 1994 के इस्माइल फरूकी केस के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से दी गई दलीलों का हवाला देते हुए कहा कि मुसलमान बाबर की ग्रांट या स्वामित्व साबित नहीं कर पाए हैं.
  • वैद्यनाथन ने कहा कि पूरे मामले में यह सिर्फ़ शंका जताते रहे. कुछ भी स्पष्ट नहीं कर पाए. इनकी दलीलें जो मालिकाना हक के संबंध के मद्देनजर दी गईं, उसमें अवैध कब्जा और अपने मालिकाना हक को यह साबित नहीं कर सके.
  • वैद्यनाथन ने कहा कि ये साबित नहीं कर पाए कि इनका कब्जा पहले था. मस्जिद किसने बनवाई और मंदिर तोड़कर मंदिर नहीं बनी. कोई साक्ष्य नहीं इनके पास.
  • सीएस वैद्यनाथन और राजीव धवन के बीच कोर्ट के बीच नोंकझोंक. वैद्यनाथन ने कहा कि मैं कोई हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करूंगा. धवन ने कहा मुझे आरोपित मत करो. चुप रहो. सीजेआई ने वैद्यनाथन से कहा कि आप बोलिए हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा. सीएस वैद्यनाथन का कहना है कि राजीव धवन एक स्लैंगिंग मैच के दौरान ‘हताश’ हो रहे हैं, जिसकी शुरुआत स्लेजिंग के बाद के आरोपों के साथ हुई थी. धवन वैद्यनाथन पर चिल्लाते हैं “इसे बंद करो”. वैद्यनाथन ने धवन पर अनुचित आचरण का आरोप लगाया- वह मुझे कैसे रोकने के लिए कह सकते हैं?
  • रामलला विराजमान की तरफ से सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि जब 1528 में मस्जिद बनाई गई तब उन्होंने अवैध कब्जा किया था. लंबे समय तक जिसका उपयोग किया गया और यह स्वीकार भी किया गया है कि वह देवता का स्थान था.
  • वैद्यनाथन ने सुप्रीम कोर्ट से जिरह करने के लिए समय मांगा. वैद्यनाथन ने कहा कि मुझको कल जिरह के लिए 60 मिनट दीजिये.CJI ने कहा कि अपनी लिखित दलील कोर्ट को दीजिये.वैद्यनाथन ने कहा कि कोर्ट को हमको सुनना चाहिए. हम गंभीर मामलों पर दलील दी रहे हैं.इस पर CJI ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ठीक है फिर दिवाली तक सुनवाई करते हैं.
  • परासरन ने अभी तक अपनी प्रस्तुतियां पूरी नहीं की हैं. सीजेआई ने सीएस वैद्यनाथन को एक घंटे का अतिरिक्त समय देने से इंकार कर दिया. परासरन ने कहा कि दलील होने के बाद आज ही बचे हुए समय में सीएस वैद्यनाथन को दलीलें पूरी करने के लिए पीठ ने कहा.
  • 1885 का फैजाबाद कोर्ट का जो फैसला महंथ रघुबर दास के मामले में आया था, वो हिंदुओं के खिलाफ नहीं है जैसा कि मुस्लिम पक्ष कह रहा है. उस फैसले में ये कहा गया था कि मस्जिद हिंदुओं की धार्मिक जगह पर बनाई गई है. उस फैसले में ये भी कहा गया था कि चूंकि मस्जिद सदियों पहले बनाई गई है, इसलिए अब इस मुद्दे पर कोर्ट फैसला नहीं दे सकता. परासरन ने कहा कि खाली जमीन पर मस्जिद बनाई गई, ये साबित करने की जिम्मेदारी मुस्लिम पक्ष की है, हिंदू पक्ष की नहीं.
  • जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि दोनों पक्षों के पास जमीन के कागजात नहीं हैं फिर भी दोनों जमीन के हक की मांग कर रहे हैं. कोई भी एडवर्स पजेशन की बात नहीं कर रहा. ऐसे में कौन सा कानूनी सिद्धांत लागू होगा.परासरन- हम इस पर देखकर बाद में बताएंगे.जस्टिस चंद्रचूड़- अगर जमीन सरकार की है और आप लंबे समय से बैठे हैं. ऐसे में आप मालिकाना हक की मांग एडवर्स पजेशन के आधार पर कर सकते हैं कि हम लंबे समय से यहां काबिज हैं.परासरन- यहां कोई एडवर्स पजेशन की मांग नहीं कर रहा है.
  • परासरन- इलाहाबाद की कोर्ट ने भी 1885 के केस के बारे में कहा था कि तब मजिस्ट्रेट के द्वारा उस जगह की जांच की गई थी. उस दौरान उन्होंने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि हिंदुओं के पवित्र स्थान पर मस्जिद बनाई गई है. परासरन ने कहा कि बाद में यह बात सामने आई कि ये 250 साल पुराना मामला है.
  • राजीव धवन ने परासरन की दलीलों पर हस्तक्षेप किया. जवाब में परासरन ने कहा कि मेरा कर्तव्य है कि मैं जजों के सवाल का जवाब दूं और हस्तक्षेप को नजरअंदाज करूं.
  • परासरन- किसी भी स्थान पर अन्य कब्जे का दावा नहीं किया जा सकता. हिंदू या मुस्लिम, क्योंकि यह स्थान सार्वजनिक पूजा का स्थान है.
  • के परासरन ने सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए कहा यह मामला रेस ज्युडी काटा के दायरे में नहीं आता.
  • लंच के बाद अयोध्या मामले की सुनवाई शुरू, के परासरन सुन्नी वक्फ बोर्ड के सूट 4 के खिलाफ दे रहे दलील.
  • जस्टिस नजीर- क्या आप प्रतिकूल कब्जे के बिना लंबे कब्जे के आधार पर मालिकाना हक मान सकते हैं? के परासरन- अगर किसी ने आपकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया हो तो माना जा सकता है.
  • CJI: क्या आप डॉ. धवन के इस तर्क को स्वीकार करते हैं कि एक बार एक मस्जिद बनती है तो वो मस्जिद ही रहती है?
    परासरन: नहीं .. मेरा मामला यह है कि एक बार मंदिर बनता है तो वह हमेशा एक मंदिर रहता है. मैं उनके तर्क पर टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि मैं विशेषज्ञ नहीं हूं.
  • कई सवाल पूछने के बाद CJI गोगोई ने मुस्लिम पार्टी के वकील राजीव धवन से पुष्टि की. डॉ. धवन, क्या हम हिंदू दलों से पर्याप्त संख्या में सवाल पूछ रहे हैं?
  • धवन ने कहा कि परासरन ने पूछा कि अयोध्या में कितने मंदिर हैं? परासरन ने जवाब दिया कि उन्होंने जन्मस्थान के महत्व को समझाने के लिए नंबर दिए हैं. इसके अलावा, आबादी पर भी विचार करें.
  • परासरन ने कहा कि हिंदुओं ने भगवान राम के जन्म स्थान के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है. हमारी सदियों से आस्था है कि वह भगवान राम का यह जन्म स्थल है.
  • हिंदू पक्षकार ने कहा- इतिहास में जो भूल हुई उसे सुधारने का वक्त है. किसी भी आक्रमणकारी को इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती कि वह भारतीय इतिहास के गौरव को नष्ट करे.
  • परासरन ने कहा कि हिंदुओं ने भारत के बाहर जाकर किसी को तहस नहस नहीं किया, बल्कि बाहर से लोगों ने भारत में आकर तबाही मचाई. हमारी प्रवृति अतिथि देवो भवा की है.
  • परासरन ने कहा कि हिंदुओं की आस्था है कि वहां पर भगवान राम का जन्म हुआ था, और मुस्लिम कह रहे है कि मस्जिद उनके लिए हैरिटेज प्लेस है
  • राजीव धवन ने के परासरन को टोकते हुए कहा कि परासरन नई बहस कर रहे हैं. परासरन ने कहा कि भारत बहुत सभ्य देश था. यहां तुर्की, मुग़ल, एलेक्ज़ेंडर सब आए.
  • हिंदू पक्ष के वकील के परासरन ने कहा कि आज 39वां दिन है. CJI ने कहा और आखिरी दिन 40वां हैं. यानी कल ही अयोध्या मामले पर सुनवाई खत्म हो सकती है.
  • राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सुशील कुमार जैन की माता जी का निधन हुआ है, इसलिए वह आज सुप्रीम कोर्ट में जिरह नहीं कर पाएंगे. वकील के परासरन ने जिरह शुरू की. के परासरन पहले सूट 4 पर जिरह करेंगे.