Home क्षेत्रीय खबरें / अन्य खबरें दोगुनी स्पीड से हो सकते हैं गंजे अगर हफ्ते में काम के...

दोगुनी स्पीड से हो सकते हैं गंजे अगर हफ्ते में काम के घंटे हैं इससे ज्यादा

0

आज के समय में अधिक काम और उससे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गलत प्रभाव से हर कोई परेशान है। जिसमें सबसे आम समस्या है बालों का गिरना। इसे लेकर अब एक और शोध सामने आया है। जिसमें शोधकर्ताओं को पता चला है कि अगर हफ्ते में 52 घंटे से अधिक समय तक काम किया जाए, तो बाल दोगुनी तेजी से गिरने लगते हैं।

ये शोध दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल स्थित सुंगक्युंवान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने की है। जो पुरुषों में काम के घंटे और बालों के झड़ने के पैटर्न की तुलना करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।

वैज्ञानिकों ने पाया कि जो पुरुष हफ्ते में 52 घंटे से अधिक समय तक काम करते हैं, वे 40 घंटे या उससे कम काम करने वाले पुरुषों की तुलना में अपने बालों को दोगुनी गति से खोते हैं।

13 हजार पुरुष कर्मियों पर हुआ शोध

शोधकर्ताओं ने 13 हजार पुरुष कर्मियों को इस शोध में शामिल किया। इसके बाद उनके काम के घंटों से उनके बालों पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच की। शोध से कैटागन से संबंधित एरिया का भी पता चला है, जो एक ऐसा चरण होता है, जिसमें बालों के सक्रिय विकास का अंत हो जाता है। इसमें दावा किया गया है कि इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण तनाव है। जो व्यक्ति को इस चरण तक ले आता है। इससे पुराने बालों के झड़ने के बाद गंजापन आ जाता है।

तीन समूहों में बांटा गया

इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने पुरुषों को तीन समूहों में बांटा था। पहले समूह में उन्हें रखा गया जो या तो 40 घंटे (सामान्य) या फिर इससे कम घंटे तक काम करते हैं। दूसरे समूह में उन्हें रखा गया जो 40 से अधिक और 52 (अधिक) से कम घंटों तक काम करते हैं। जबकि तीसरे समूह में उन्हें रखा गया जो 52 (बेहद अधिक) से अधिक घंटो तक काम करते हैं। आयु, वैवाहिक स्थिति, शिक्षा, मासिक घरेलू आय, धूम्रपान और कार्य अनुसूची को भी तथ्यों में शामिल किया गया। बाद में पता चला कि लंबे समय तक काम करने से एलोपीशिया होता है। यानी बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं।

तनाव भी है मुख्य कारण

शोधकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि तनाव और अन्य उम्र से संबंधित कारक बालों के रोम को नुकसान पहुंचाते हैं, जो बालों के सक्रिय विकास को सीमित करता है। शोध के प्रमुख लेखक, क्यूंग-हुन सोन ने कहा, ‘एलोपीशिया के विकास को रोकने के लिए काम के घंटों की सीमा युवा कर्मियों के लिए अधिक आवश्यक है, खासतौर पर उनके लिए जो 20 से 30 साल के बीच के हैं। इस उम्र में ही बालों के झड़ने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। हमारे समाज में उचित काम के घंटे को बढ़ावा देने की काफी आवश्यकता है।’

इस शोध की ब्रिटेन के हेयर रेस्टोरेशन सर्जन डॉक्टर बेसम फारजो ने प्रशंसा की है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि ये अक्सर अन्य प्रकार के बालों के झड़ने का कारण भी बन सकता है।