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मोबाइल पर आए लिंक पर जैसे ही डाली कार्ड डिटेल, बैंक अकाउंट से उड़ गए 1 लाख रुपए

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साइबर फ्रॉड के रोजाना नए मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला महाराष्‍ट्र के पवई में सामने आया है। यहां के एक शख्‍स को सिम कार्ड बेचने के नाम पर एक शख्‍स ने 1 लाख रुपए का चूना लगा दिया। मामला बीते 4 नवंबर का है। यहां के रहने वाले 47 वर्षीय संदीप घोष ने गूगल सर्च कर डिस्‍काउंट पर सिम कार्ड बेचने वाले एक शॉप का पता लगाया। वहां बात करने पर दुकानवाले ने सौरभ को एक लिंक भेजा। लिंक ओपन कर सौरभी ने जैसे ही कॉर्ड डिटेल भरा एक के बाद एक 10 ट्रांजेक्‍शन में उसके बैंक से 99,990 रुपए कट गए। सौरभ ने बताया कि फ्रॉड करने वाले ने खुद को आबरा का डाबरा का मालिक बताया था जो पवई के हरिनंदानी गार्डन्‍स में रहता है।राजस्‍थान से ऑपरेट कर रहा था

पुलिस ने बताया कि फ्रॉड करने वाला शख्‍स राजस्‍थान से ऑरपेट कर रहा था। उसने फेक डॉक्‍यूमेंट्स पर सिम लिए थे इसलिए अब उस नंबर पर बात नहीं हो पा रही है। एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करने वाले सौरभ ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले उन्‍होंने एक मोबाइल फोन खरीदा था। वो सिमकार्ड लेने के लिए अच्‍छी स्‍कीम की तलाश कर रहे थे तभी उन्‍हें गूगल पर मात्र 5 रुपए में सिम कार्ड देने का वादा करने वाले शख्‍स का नंबर मिला। बात हुई शख्‍स ने उन्‍हें ऑनलाइप पेमेंट करने के लिए एक लिंक भेजा। सौरभ ने जैसे ही लिंक ओपन कर अपना कार्ड डिटेल डाला उसके खाते से 99,990 रुपए कट गए। अब पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया है औा छनबीन कर रही है।

सिमकार्ड क्‍लोि‍निंग के जरिए होती है धोखाधड़ी, कैसे होता है ये

एक सॉफ्टवेयर की मदद से एक सिम कार्ड का पूरा डाटा दूसरे सिम कार्ड में ट्रांसफर करना ही सिम कार्ड क्लोनिंग है। इसके लिए आपका मोबाइल सिम बंद कर डुप्लीकेट सिम जारी करा लिया जाता है। सिम क्लोनिंग के लिए हैकर्स को सिर्फ एक सिम कार्ड रीडर और क्लोनिंग सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से एक सिम कार्ड का पूरा डाटा दूसरे सिम कार्ड में ट्रांसफर किया जा सकता है। ओवर-द-एयर (OTA) कमांड भेज कर भी सिम क्लोनिंग की जाती है। सिम कार्ड क्लोनिंग कोई प्रोफेशनल हैकर ही कर सकता है। आपके मोबाइल पर बैंक से आनेवाला OTP क्लोनिंग वाले सिम पर आ जाता है, जिससे बैंक ट्रांजेक्शन पूरा कर लिया जाता है।

क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

बैंक अकाउंट में अपना वह मोबाइल नंबर रजिस्टर कराएं, जो हमेशा आपके पास रहता है। मोबाइल नंबर डिएक्टिवेट होने की स्थिति में कंपनी से तुरंत संपर्क करें। किसी धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत बैंक और पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायें। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतें।