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बुरी तरह मैच हारता देख लोगों ने बंद कर दिए थे TV; युवी संग इस बल्लेबाज ने इग्लैंड के मुंह से छीन ली थी जीत…

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 भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ आज अपना 39वां जन्मदिन मना रहे हैं। इसी साल जुलाई में कैफ ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया और अब वह क्रिकेट एक्सपर्ट और कॉमेंट्री में अपनी नई पारी खेल रहे हैं। सौरभ गांगुली की कप्तानी में टीम में जगह बनाने वाले मोहम्मद कैफ अपनी मुस्तैद फील्डिंग के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा वह मिडल ऑर्डर के शानदार बल्लेबाज रहे हैं।

इंग्‍लैंड के खिलाफ 2002 में नेटवेस्‍ट ट्रॉफी के फाइनल में खेली गई उनकी पारी को भारतीय क्रिकेट की सबसे यादगार पारियों में गिना जाता है। उस मैच में कैफ ने नाबाद 87 रन बनाते हुए इंग्‍लैंड के 325 रन के लक्ष्‍य को हासिल किया था। उन्‍होंने युवराज सिंह के साथ छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत दिलाई थी। इसके अलावा 2003 वर्ल्ड कप में कैफ ने भारत के लिए फील्डिंग और अपनी बल्लेबाजी से शानदार भूमिका निभाई थी। भारतीय टीम इस वर्ल्ड कप में उपविजेता रही थी

केवल 12वीं तक पढ़े कैफ

कैफ बहुत ज्‍यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। उन्‍होंने प्रयागराज के मेवा लाल अयोध्‍या प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज सोरांव से 12वीं तक की पढ़ाई की है। इसके बाद वे क्रिकेट की दुनिया में ही रच बस गए। घरेलू क्रिकेट की कड़ी मेहनत से उन्‍हें भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम में जगह मिल गई। साल 2000 में श्रीलंका में हुए अंडर-19 वर्ल्‍ड कप में उन्‍हें कप्‍तानी सौंपी गई और उन्‍होंने टीम इंडिया को वर्ल्‍ड चैंपियन बना दिया। इस टीम में युवराज सिंह, अजय रात्रा और रितेंदर सिंह सोढ़ी जैसे नाम शामिल थे।

कैफ ने भारत के लिए 125 वनडे मैच खेले जिनमें 32.01 की औसत से 2753 रन बनाए. उनका सर्वोच्च स्कोर 111 रहा। उन्होंने अपने वनडे करियर में दो शतक और 17 अर्धशतक लगाए। कैफ ने भारत के लिए 13 टेस्ट मैच भी खेले। खेल के लंबे प्रारूप में कैफ का औसत 32.84 का रहा जिसकी मदद से उन्होंने 22 पारियों में 624 रन बनाए हैं। इसमें उनके नाम एक शतक और तीन अर्धशतक हैं उनका सर्वोच्च स्कोर 148 है।