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इन 5 आदतों को अपनाकर 10 साल और बढ़ा सकते हैं अपनी उम्र

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अब हम आपके जीवन में अतिरिक्त 19 साल जोड़ने वाले फॉर्मूले के बारे में बताएंगे. खुशियों का ये फॉर्मूला दो हिस्सों में है. पहला फॉर्मूला बताएगा कि आपकी उम्र कैसे 10 वर्ष बढ़ सकती है, लेकिन हम विश्लेषण की शुरुआत में ही बता दें कि इसके लिए आपको पुरुषार्थ दिखाना होगा. हम आपको ये भी बताएंगे कि आप अपने कर्मों के बल पर इसी ज़िंदगी में अपने सपने पूरे कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करने होंगे और उसके लिए परिश्रम भी करना होगा. यानी आपका पुरुषार्थ का पराक्रम दिखाना होगा.

अगर आप 50 साल के हैं या आपके घर में कोई 50 वर्ष के आसपास है तो आज उम्र बढ़ाने वाला ये विश्लेषण आप सभी को पूरे परिवार के साथ ज़रूर पढ़ना चाहिए, क्योंकि आज हम आपको उन 5 स्वास्थ्यवर्धक आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनी ज़िंदगी में अपनाकर 50 वर्ष के लोग अपनी आयु 10 वर्ष तक बढ़ा सकते हैं. यानी आपकी आयु 70 की जगह 80. 80 की जगह 90 और 90 की जगह 100 वर्ष तक हो सकती है. सबसे खास बात ये कि आपको ये जो अतिरिक्त 10 साल मिलेंगे, उनमें बीमारियां शामिल नहीं होंगी यानी कैंसर, ह्रदय रोग या डायबिटीज़ जैसी बीमारियां आपसे दूर रहेंगी.

एक स्टडी के मुताबिक आपको जिन 5 आदतों को अपनी जीवन शैली में अपनाने की ज़रूरत है. उनमें पहली आदत है- सही खानपान, दूसरी है- नियमित व्यायाम, तीसरी- नियंत्रित वज़न, चौथी आदत- ज्यादा शराब से परहेज़ और पांचवीं आदत- धूम्रपान बिल्कुल नहीं…

इस रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि 50 साल की जिन महिलाओं ने इन सभी आदतों या इनमें से 4 आदत को भी अपने जीवन में शामिल किया, उनकी आयु करीब 10 वर्ष बढ़ गई. इस दौरान उन्हें कोई बड़ी बीमारी भी नहीं हुई, लेकिन जिन महिलाओं ने इन अच्छी आदतों को नहीं अपनाया, उन्हें लंबी उम्र नहीं मिली और लंबी उम्र मिली भी तो निरोगी काया नहीं मिली.

इसी तरह इन पांच अच्छी आदतों को जीवन में शामिल करने वाले पुरुषों की उम्र भी 7 से 8 साल तक बढ़ गई और वो भी खतरनाक बीमारियों से बचे रहे. इस रिसर्च में कहा गया है कि 50 वर्ष पूरे कर चुके वो लोग, जो धूम्रपान करते थे, या फिर जिनका अपने वज़न पर नियंत्रण नहीं था, उन्हें आम तौर पर बीमारी-मुक्त ज्‍यादा उम्र नहीं मिली.

भारत के लोगों के लिए ये रिसर्च बहुत अहम है, क्योंकि इस स्टडी में जिन बीमारियों से मुक्ति मिलने की बात कही गई है, उनसे सबसे ज्यादा हमारे देश के लोग ही प्रभावित हैं. मिसाल के तौर पर भारत में हर वर्ष 58 लाख लोगों की मृत्यु हृदय रोग, फेफड़े की बीमारी, कैंसर और डायबिटीज की वजह से हो जाती है.

यानी हर साल 4 में से 1 भारतीय की मौत इन बीमारियों के चलते होती है. ध्यान देने की बात ये है कि ज्यादातर मामलों में इस तरह की मौत 70 वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते हो जाती है. हम आपको डराना नहीं चाहते हैं, लेकिन सावधान ज़रूर करना चाहते हैं और ये भी चाहते हैं कि आप 70, 80, 90 या 100 नहीं बल्कि उससे भी ज्यादा वर्ष तक जीएं और अच्छे स्वास्थ्य के साथ जीएं.

हमने आपको ये तो बता दिया कि 50 वर्ष के होने जा रहे या 50 वर्ष के हो चुके लोग दीर्घायु होने के लिए किन अच्छी आदतों को जीवन में अपनाएं, लेकिन सबसे ज़रूरी ये जानना है कि इन आदतों को कैसे अपनाएं. आप चाहें तो नए साल पर ये नई शुरुआत कर खुद को और अपने परिवार को एक उपहार दे सकते हैं. हमने डॉक्टरों से बात करने के बाद आपके लिए कुछ स्वास्थ्यवर्धक जानकारियां इकट्ठा की हैं.

सबसे पहले तो आपको ये करना है कि बाहर का खाना, फास्‍ट फूड और डिब्बा बंद खाना इन चीजों को अपने जीवन से बिल्कुल निकाल दें. ताज़े फल और सब्जियों के अलावा साबुत अनाज को अपने भोजन में शामिल करें. इसके अलावा ज्यादा चीनी और ज्यादा नमक दोनों से परहेज़ करें.

अच्छे भोजन के साथ नियमित व्यायाम बहुत ज़रूरी है. लंबी उम्र के लिए आपको हर रोज कम से कम 30 से 40 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए. आप दौड़ना, साइकिल चलाना या तैरना अपनी सुविधा के अनुसार कुछ भी शुरू कर सकते हैं. लेकिन, ये नियमित होना चाहिए. यानी इसके लिए हफ्ते में 5 दिन का वक्त ज़रूर निकालना चाहिए. इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए, आपका वज़न कंट्रोल में रहे.

हम जिस रिसर्च की बात कर रहे हैं, उसमें लंबी उम्र के लिए धूम्रपान बिल्कुल छोड़ देने की बात कही गई है. डॉक्टरों का कहना है कि वैसे तो सिगरेट पीना किसी भी उम्र में सही नहीं है, लेकिन, अगर आप 50 वर्ष के करीब हैं, तो धूम्रपान से दूरी बनाए रखने में ही भलाई है, क्योंकि स्मोकिंग का सीधा असर फेफड़ों और हृदय पर पड़ता है.

आपके फेफड़े और हृदय सही तरीके से काम ना करें तो मौत का ख़तरा बढ़ जाता है. रिसर्च में ये भी कहा गया है कि ज्यादा शराब पीने से परहेज़ करना चाहिए, लेकिन हम आपसे ये कहना चाहेंगे कि थोड़ी शराब भी क्यों पीएं ? भारत सामाजिक मान्यताओं का देश है और देश के अधिकांश इलाकों में ये मान्यता है कि शराब पीना एक सामाजिक बुराई है. इसलिए हम आपसे कहेंगे कि लंबी उम्र चाहिए तो शराब को अपनी ज़िंदगी से दूर ही रखें .

डॉक्टरों का कहना है कि कोई इंसान कितने वर्षों तक जीवित रहता है, इसमें आपके DNA का योगदान सिर्फ 10 प्रतिशत होता है और बाकी 90 प्रतिशत आपकी लाइफस्‍टाइल यानी ज़िंदगी को जीने की आदतों पर निर्भर होता है. यानी अगर आप लंबे समय तक जीना चाहते हैं तो आपको लाइफस्‍टाइल बदलना होगा.

जापान में दुनिया के सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोग रहते हैं. वहां पुरुषों की औसत उम्र 81 वर्ष और महिलाओं की 88 वर्ष है. जापान के लोगों की लंबी उम्र का राज है इकी-गाय (Ikigai) नामक एक सिद्धांत. इसका मतलब है आपके जीवन का उद्देश्य.

हर एक इंसान के जीवन जीने का तरीका, मान्यताएं और विचार अलग-अलग होते हैं. ये सिद्धांत आपकी आत्मा से जुड़े एक दर्पण की तरह होता है जो आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा या बुरा असर डालता है. यानी अगर आपके विचार सकारात्मक हैं, हर दिन आप अपने दिन की शुरुआत किसी लक्ष्य को पाने की उम्मीद के साथ शुरु करते हैं और अपने परिवार के साथ आपका करीबी संबंध है तो फिर आपका जीवन अच्छा होगा और आपकी आयु भी लंबी होगी. इकी-गाय सिद्धांत जापान के ओकिनावा से आया है. जहां 100 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है.

इस विश्लेषण की शुरुआत में हमने आपको पहले ये बताया था कि आप कैसे अपनी ज़िंदगी में 10 साल की उम्र बढ़ा सकते हैं. अब आपको और 9 साल उम्र बढ़ाने का एक फॉर्मूला बताते हैं. अक्सर ये कहा जाता है कि आपके पास पैसे हों तो उम्र बढ़ जाती है. अब एक रिसर्च से भी यही बात सामने आई है. हाल में, 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर एक रिसर्च की गई. जिसमें पता चला कि अभाव में ज़िंदगी गुज़ार रहे लोगों के मुकाबले, सुविधा संपन्न लोग ज्यादा वर्षों तक जीए और उन्हें बीमारियां भी नहीं हुईं.

अमेरिका और इंग्लैंड में 10 साल तक की गई एक स्टडी के मुताबिक धनी लोगों की उम्र करीब 9 साल तक बढ़ जाती है और इस दौरान वो निरोगी भी रहते हैं. इस रिसर्च में इंग्लैंड के 10 हज़ार से अधिक लोगों और 14 हज़ार से ज्यादा अमेरिकी लोगों को शामिल किया गया.

करीब 25 हज़ार लोगों पर रिसर्च के बाद आंकड़ों का आंकलन किया गया तो पता चला कि दौलतमंद लोग करीब 31 साल तक स्वस्थ रहे. यानी इस दौरान वो गंभीर रूप से बीमार नहीं हुए. जबकि जिन लोगों के पास ज्यादा दौलत नहीं थी, वो 22 से 23 वर्ष ही स्वस्थ रहे. यानी पैसे वालों और आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों की सेहतमंद उम्र के बीच करीब 9 साल का फर्क हो गया.