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छत्तीसगढ़: 200 साल पुराने बरगद में लगे हैं नौ प्रजाति के पेड़, विशालकाय वट वृक्ष बना अजूबा

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छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिला मुख्यालय से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 (NH 30) पर बसे ग्राम बनियागांव में तकरीबन 200 वर्ष पुराना एक वटवृक्ष अजूबा बन गया है. हो भी क्यों न. इस एक वटवृक्ष में 9 अलग-अलग प्रजाति के पौधे लगे हैं. ये विशालकाय वट वृक्ष लोगो की आश्चर्य, आस्था के साथ ही शोध का विषय भी बन गया है.

बनियागंव के इस विशालकाय बरगद के पेड़ की छांव में लोग राहत पाते हैं. लोगों को आश्चर्य इसलिए होता है क्योंकि इसकी टहनियों से नौ अलग-अलग प्रजाति के नौ दल, चचान जुंडी, तेंदू , बड, पीपल, इमली, सिंदूर, माकड तेंदू और अमरबेल के पेड़ निकल आए हैं. इसी पेड़ के नीचे ग्राम देवी शीतला माता का

मंदिर है. गांव के पुजारी नरपति पोयाम ने कहा और इस पेड़ में नौ प्रजाति के पौधे निकले हैं जो माता के नौ रूप हैं.

कोंडागांव के लोग शीतला माता के इस मंदिर और बरगद के पेड़ को सालों से पूजते आ रहे हैं. शीतला माता मंदिर समिति के सदस्य नरपति पटेल ने कहा ग्रामीण इस जगह को देव स्थल के रूप में वर्षों से पूजते आ रहे हैं, इस पेड़ से 9 पौधे निकलना आश्चर्य जनक तो है ही साथ ही यह हम लोगों की आस्था का केंद्र है

प्रोफेसरों ने कहा- ये सामान्य प्रक्रिया, लेकिन आश्चर्यजनक
एक बरगद के पेड़ में नौ प्रजाति नौ दल, चचान जुंडी, तेंदू , बड़, पीपल, इमली, सिंदूर, माकड तेंदू और अमरबेल के पेड़ निकले हुए हैं. इस मामले में गुंडाधुर कालेज के वनस्पति शास्त्र के प्रोफेसर शशिभूषण कन्नौजे और प्राणी विज्ञान के प्रोफेसर शोभा राम यादव ने कहा की ये स्वाभाविक प्रकिया है पर आश्चर्यजनक और शोध का विषय है. यहां का पर्यावरण इतना अच्छा है और हम लोगों के लिए इस पर बहुत काम करने की आवश्यता है. क्योंकि बरगद में नौ प्रजाति के अलग-अलग पेड़ लगे हैं वे सभी औषधि गुण वाले हैं और ये यहां आसपास नहीं मिलते हैं.