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भारत, यूएई और इजराइल का त्रिपक्षीय व्यापार 2030 तक 110 बिलियन डॉलर होने की संभावना

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भारत, इज़राइल और यूएई मिलकर साल 2030 तक अपने त्रिपक्षीय व्यापार को 110 बिलियन डॉलर के उच्च स्तर तक बढ़ा सकते हैं. इसकी जानकारी राजनयिकों और व्यापार समुदाय के सदस्यों ने दी है.

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ इंडो-इज़राइल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें IFIICC के सेक्टरों में नेतृत्व के माध्यम से चल रहे व्यापार सहयोग पर चर्चा की गई. जहां मौजूद राजनयिकों और व्यापार समुदाय के सदस्यों ने भारत, यूएई और इजराइल के त्रिपक्षीय व्यापार को 2030 तक $ 110 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद जताई है.

दुबई में इज़राइली मिशन के प्रमुख राजदूत इलान सेत्सुल्मैन स्टॉर्स्टा ने कहा कि इजराइल के नए विचार, यूएई के दूरदर्शी नेतृत्व और भारत के साथ दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी की वजह से ये व्यापार साल 2030 तक $ 110 बिलियन हो सकता है. इसी तरह की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यूएई के भारत में राजदूत और IFIICC के संस्थापक संरक्षक डॉ. अहमद अब्दुल रहमान अलबाना ने कहा संयुक्त अरब अमीरात और भारत के द्विपक्षीय व्यापार को 2020 में 20 बिलियन डॉलर से 2030 तक $ 60 बिलियन तक बढ़ने का अनुमान है. यूएई दुनिया के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है और भारत और इज़राइल के साथ ये त्रिपक्षीय हो कर दुनिया को इसका लाभ दे सकता है.

त्रिपक्षीय व्यापार पर मत

दुबई में भारत के महावाणिज्यदूत डॉ. अमन पुरी ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय व्यापार समुदाय सभी देशों की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए इस त्रिपक्षीय की ताकत का लाभ उठा सकता है. इज़राइल में आईएफआईआईसीसी के अध्यक्ष और इज़राइली मैन्युफैक्चरर्स काउंसिल ऑफ़ इज़राइल एसोसिएशन के अध्यक्ष रान टुट्नूर ने तेल अवीव से इस कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि भारत के साथ संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अच्छा रहेगा.

ESCP है दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक स्कूल

आईएफआईआईसीसी को पिछले साल 14 दिसंबर को लॉन्च किया गया था और ये दुनिया भर में भारतीय डायस्पोरा के समर्थन को दर्शाते हुए वैश्विक स्तर पर कार्यालय स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. आईएफआईआईसीसी के संस्थापक और चेयरपर्सन मर्ज़ी सोडावाटरवाला ने कहा कि इनोवेशन और सहयोग आर्थिक विकास के एक युग में मदद कर सकता है. वहीं हाल ही में आयोजित एक सेमिनार में यूरोपीय बिजनेस स्कूल ने इजरायल, यूएई और भारत के बीच त्रिपक्षीय संबंधों की वैश्विक क्षमता पर भी बातचीत की थी. वहीं 1819 में स्थापित ESCP को दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस स्कूल माना जाता है.