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सीएम शिवराज ने मंत्रियों को सौंपे जिलों के प्रभार, तोमर-सिंधिया का रखा गया पूरा ख्याल

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केन्द्र सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से कहा कि दूसरी तिमाही के दौरान वह अपने खर्चे वर्ष के कुल बजट आवंटन के 20 प्रतिशत तक ही सीमित रखें। कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार ने मितव्ययिता उपायों के तहत यह कदम उठाया है।

हालांकि, स्वास्थ्य, कृषि, उर्वरक, औषधि और खाद्य विभाग और मंत्रालयों को इस कटौती से अलग रखा गया है। इसके अलावा आवास और शहरी मामले, पेयजल, रेलवे, सड़क परिवहन, एमएसएमई और ग्रामीण विकास मंत्रालयों को भी 20 प्रतिशत व्यय प्रतिबंध के दायरे से छूट दी गई है।

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन में यह कहा गया है। इसके मुताबिक अन्य सभी मंत्रालयों और विभागों को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर 2021) के दौरान अपने सकल व्यय को 2021- 22 के बजट अनुमान के 20 प्रतिशत के भीतर रखा होगा।

ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि खर्च में यह कटौती पेंशन भुगतान, ब्याज भुगतान और राज्यों को धन के हसतांतरण जैसे मामलों में भी लागू नहीं होगी।

यह निर्देश व्यय सचिव की मंजूरी पर जारी किये गये हैं। व्यय सचिव वित्त सचिव भी हैं।

ज्ञापन में कहा गया है, ”कोविड- 19 केा मद्देनजर बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये और सरकार की संभावित नकदी की स्थिति को देखते हुये यह जरूरी समझा गया कि निर्दिष्ट मंत्रालयों और विभागों की मासिक, तिमाही व्यय योजना को दूसरी तिमाही के दौरान नियमन के दायरे में लाया जाये।

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