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सानिया मिर्जा और शोएब मलिक को मिला UAE का गोल्डन वीजा, जानिए इसके बड़े फायदे

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भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा (Sania Mirza) और उनके पति पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक (Shoaib Malik) को UAE का गोल्डन वीजा (UAE Golden Visa) दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दोनों ही एथलीटों को मिला ये वीजा 10 साल के लिए मान्य होगा. सानिया और शोएब के पास UAE में अपना घर है, लेकिन अब तक इनके पास गोल्डन वीजा नहीं था. 2 साल पहले लॉन्च हुए इस वीजा के बड़े फायदे हैं, जिनका जिक्र हम करेंगे लेकिन उससे पहले दोनों खिलाड़ियों का अपने अपने मुल्कों के लिए किए कमाल पर गौर फरमा लीजिए.

टेनिस और क्रिकेट का ये गठबंधन 11 साल पहले हुआ था. 2010 में भारत की टेनिस स्टार सानिया का पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक के साथ निकाह हुआ. इससे पहले दोनों ने खेल के मैदान पर खूब झंडे गाड़े. वर्ल्ड टेनिस में सानिया ने भारत की पहचान कायम की. वो सिंगल रैंकिंग में अपने करियर बेस्ट 27 सीड तक पहुंची. दूसरी ओर शोएब मलिक ने पाकिस्तान की कप्तानी की और बल्लेबाजी में जान फूंकी. उन्होंने देश के लिए 35 टेस्ट, 287 वनडे और 116 T20 खेले.

सानिया को मिले गोल्डन वीजा के फायदे

UAE का गोल्डन वीजा पाने वाला सानिया और शोएब सबसे ताजातरीन एथलीट हैं. इस वीजा को UAE ने 2019 में लॉन्च किया था. इस वीजा के मिलने का मतलब है कि UAE में लंबे समय तक रहने का लाइसेंस मिलना. इस वीजा की अवधि 5 से 10 साल की होती है, जिसके बाद ये खुद ही रिन्यू भी हो जाती है. यानी बार-बार वीजा रिन्यू कराने के झंझट से अब सानिया और शोएब को छुटकारा मिल चुका है.

टोक्यो में खेलेंगी चौथा ओलिंपिक

सानिया मिर्जा टोक्यो में अपना रिकॉर्ड चौथा ओलिंपिक खेलती दिखेंगी. इसी के साथ वो सबसे ज्यादा ओलिंपिक में शिरकत करने वाली पहली भारतीय महिला बन जाएंगी. हालांकि, इस उपलब्धि को हासिल करने के दौरान उन्हें एक बड़ी अड़चन से भी दो चार होना पड़ेगा. दरअसल, टोक्यो ओलिंपिक में शिरकत करने के दौरान सानिया मिर्जा को अपने 2 साल के बेटे इजहान से दूर रहना होगा. टोक्यो में सानिया जब भारत के लिए मेडल की लड़ाई लड़ रही होंगी, उस दौरान बेटा इजहान उनके साथ न होकर पिता शोएब मलिक के साथ दुबई में घर पर ही रहेगा. दरअसल, कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का हवाला देते हुए जापान ने ओलिंपिक में हिस्सा ले रहे सभी एथलीटों को परिवार के सदस्यो के बगैर ही आने की अनुमति दी है. और, यही वजह है कि सानिया को ये फैसला करना पड़ा है.