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अफगानिस्तान में विद्रोही गुट का दावा- पंजशीर में करीब 600 तालिबान लड़ाके ढेर

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अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के उत्तर में स्थित पंजशीर घाटी (Afghanistan’s Panjshir Valley) में विद्रोही गुट और तालिबान (Taliban) के बीच खूनी जंग लगातार जारी है. विद्रोही गुट ने दावा किया है कि उसने करीब 600 तालिबान के लड़ाके को मार गिराए. इसके अलावा करीब 1000 लड़ाकों को पकड़ लिया गया है. इनमें से कइयों ने सरेंडेर कर दिए. स्पुतनिक न्यूज़ के मुताबिक ये दावा विरोधी गुट के प्रवक्ता फहीम दशती ने ट्वीट के जरिए किया. बता दें कि पिछले कई दिनों से यहां लड़ाई चल रही है. शनिवार को तालिबान ने इस इलाके पर कब्जे का दावा किया था. लेकिन बाद में पंजशीर के लड़ाकों (नेशनल रेजिस्टेंस फ़ोर्स) के एक नेता अमरुल्ला सालेह ने उस दावे को खारिज कर दिया.

पंजशीर एक मात्र इलाका है जहां तालिबान ने अभी तक कब्जा नहीं किया है. पंजशीर के लड़ाकों का नेतृत्व पूर्व अफगान गुरिल्ला कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह कर रहे हैं. साल 1996 से लेकर 2001 के बीच जब तालिबान का अफगानिस्तान में राज था उस वक्त भी इस घाटी पर वो कब्जा नहीं कर सका था.

कब्जे का दावा
भले ही दोनों पक्षों ने पंजशीर में कब्जे का दावा किया हो लेकिन अभी तक किसी भी खेमे से इसे साबित करने के लिए कोई निर्णायक सबूत नहीं दिया गया है. न्यूज़ चैनल अल जज़ीरा ने बताया कि तालिबान के एक अधिकारी ने कहा कि पंजशीर में लड़ाई जारी है, लेकिन राजधानी बाजारक और प्रांतीय गवर्नर के परिसर की ओर जाने वाली सड़क पर बारूदी सुरंगों के चलते उनकी आगे बढ़ने की रफ्तार थोड़ी कम हो गई है. तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि खिंज और उनाबा जिलों को कब्जे ले लिया गया है. तालिबान का दावा है कि उसने अब तक 7 में से 4 ज़िलों पर कब्जा कर लिया है.

सालेह का वीडियो मैसेज
एक वीडियो मैसेज में अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने बताया है कि दोनों पक्षों के बीच जंग लगातार जारी है. उन्होंने इस मैसेज में कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि हम मुश्किल हालात में हैं. तालिबान ने हम पर हमला किया है. लेकिन हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे. हम अफ़ग़ानिस्तान के लिए मोर्चे पर लगातार डटे रहेंगे. मैंने लोगों को भरोसा दिलाने के लिए ये वीडियो शेयर किया है कि मेरे देश छोड़ने की खबरें झूठी हैं.’

सरकार गठन में देरी
इस बीच तालिबान ने अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को अगले सप्ताह के लिए टाल दिया है. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने शनिवार को ये जानकारी दी. तालिबान एक ऐसी सरकार बनाने के लिये संघर्ष कर रहा है जो समावेशी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य हो. तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर काबिज होने के बाद दूसरी बार, काबुल में नई सरकार के गठन की घोषणा स्थगित की है.