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BJP का चिंतन शिविर: क्या कुम्भलगढ़ के पहाड़ों से बहेगी एकता की बयार या जारी रहेगी खींचतान

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बीजेपी के चिंतन शिविर (BJP Contemplation Camp) का कल से कुम्भलगढ़ में आगाज होगा. विधानसभा चुनाव (Assembly elections) से सवा दो साल पहले बीजेपी सत्ता प्राप्ति के लिए कुम्भलगढ़ (Kumbhalgarh) के होटल एवरेस्ट हिल में चिंतन करेगी. पार्टी ने रणनीतिक स्तर पर चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी अलग-अलग सत्रों में विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे. मुख्य फोकस विधानसभा चुनाव की प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक रणनीति बनाने का है. पार्टी की कमजोर कड़ियां दूर करने पर मंथन होगा. सुझावों पर पार्टी नेता आपसी संवाद करेंगे. शिविर में पार्टी के अंदरुनी मतभेदों पर भी चर्चा हो सकती है.

दो दिन तक चलने वाले इस चिंतन शिविर के लिए बीजेपी नेताओं का कुम्भलगढ़ पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है. प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ समेत प्रदेश के कई नेता कुम्भलगढ़ पहुंच चुके हैं. इस शिविर में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष 2023 में पार्टी को राजस्थान फतह का मंत्र देंगे.

पार्टी के भविष्य का रोडमैप बनाएंगे
मेवाड़ की धरती बीजेपी के लिए हमेशा उर्वरा रही है. बीजेपी इसे हिंदुत्व की लैबोरेटरी समझती है. राजस्थान में तो यहां तक कहा जाता है, जिधर मेवाड़, उधर सरकार. इसलिए बीजेपी को कुम्भलगढ़ की हसीन हरी भरी वादियां चिंतन के लिए मुफीद नजर आई. बीजेपी के थिंक टैंक राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष चिंतन शिविर में राजस्थान बीजेपी के संगठन से जुड़े कामकाज की समीक्षा करेंगे. वे पार्टी के भविष्य का रोडमैप बनाएंगे. इसी रोडमैप की गूंज अगले दो साल तक प्रदेश में गूंजेगी. पार्टी संगठन को और सक्रिय बनाने पर जोर होगा. बीजेपी का फोकस बूथ से लेकर मंडल की यूनिट तक कार्यकर्ताओं का वोटर से सीधे जुड़ाव कायम करना है. शिविर में पार्टी के कामकाज की समीक्षा होगी.