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चीन के हाथाें PAK की फिर फजीहत, डैम का काम शुरू करने से पहले रखी शर्त, मांगे 285 करोड़ रुपए

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चीन (China) के हाथों एक बार फिर पाकिस्तान (Pakistan) की फजीहत हुई है. इस बार चीन ने पाकिस्तान ने 285 करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा है. यह मुआवजा दासू डैम प्रोजेक्ट (Dasu Dam Project) पर काम कर रहे इंजीनियरों की मौत की ऐवज में मांगा गया है. पाक मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दासू हाइड्रोपावर प्रोजेक्‍ट का काम शुरू करने से पहले उसने अपने 9 चीनी इंजीनियरों की मौत का मुआवजे की मांग की है. बता दें कि जुलाई 2021 में परियोजना में काम करने वाले इंजीनियरों को ले जा रही बस खाई में गिर गई थी, उसे विस्फोटकों से लदी कार ने टक्कर मार दी थी. इस आतंकी हमले में नौ चीनी इंजीनियरों, दो स्थानीय लोग और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के दो कर्मियों सहित कुल तेरह लोगों की मौत हो गई थी.

पाकिस्तान के कई मंत्रालयाें में हड़कंप
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जल संसाधन के सचिव डॉ शाहजेब खान बंगश ने बताया है कि इंजीनियरों पर हमले के बाद से परियोजना में सिविल निर्माण से जुड़ा काम ठप पड़ा है. चीनी नागरिकों को मुआवजे के मुद्दे पर उच्च स्तर पर चर्चा हो रही है. पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, आंतरिक मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय और चीनी दूतावास मुआवजे के पैकेज के साथ परियोजना पर फिर से कार्य शुरू करने को लेकर काम कर रहे हैं.

इतना बड़ा पैकेज तर्कहीन: पाकिस्तान
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि संबंधित मंत्रालयों के सचिवों वाली संचालन समिति चीनी सरकार से मुआवजे की रकम को लेकर निगोशिएट कर रहे हैं. वर्तमान में चीन की तरफ से मुआवजे को लेकर मांगे गए पैकेज को तर्कहीन बताया जा रहा है. ऐसे में कई सारे मंत्रालय चीनी दूतावास के साथ मुआवजे के पैकेज पर चर्चा कर रहे हैं. सचिव जल संसाधन को उम्मीद है कि मुआवजे के मामले को एक दो सप्ताह के भीतर सुलझा लिया जाएगा, जिसके बाद साइट पर सिविल वर्क फिर से शुरू हो जाएगा.

मुआवजे के बिना काम शुरू नहीं होगा: चीन
चीनी फर्म चाइना गेझोउबा ग्रुप कॉर्पोरेशन ने घटना के बाद दासू प्रोजेक्ट पर काम रोक दिया था. पाकिस्‍तान की सरकार के अनुरोध पर फर्म ने काम फिर से शुरू करने और पाकिस्‍तानी श्रमिकों को नहीं हटाने की घोषणा की थी. हालांकि, कंपनी ने अभी तक काम फिर से शुरू नहीं किया है. कंपनी का कहना है कि वह उस वक्‍त तक आगे नहीं बढ़ेगी, जब तक मुआवजा पैकेज और चीनी नागरिकों को अधिक सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती है.