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यूक्रेन में जंग के बीच वैश्विक छवि बनाने में जुटा है चीन? Quad और यूएस-ईयू अलायंस से ड्रैगन को किस बात का डर

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रूस और यूक्रेन में जंग के बीच चीन वैश्विक छवि निर्माण में जुटा हुआ है. एक मजबूत क्वाड अलायंस और अमेरिका-ईयू साझेदारी के बीच चीन अब ग्लोबल स्तर पर अपनी छवि बनाने की तरफ बढ़ रहा है. हालांकि ये विरोधाभासी है. जब किसी जरुरतमंद देश के नागरिकों की रक्षा के लिए बाहरी आक्रमण या मानवीय हस्तक्षेप की बात आती है जैसे कि सिविल वॉर वाले अफ्रीकी देश म्यांमार और अफगानिस्तान तो चीनी सरकार हमेशा किसी भी आंतरिक संकट में राज्य संप्रभुता कार्ड खेलती है.

वैश्विक ‘छवि निर्माण’ में जुटा है चीन?

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने यूक्रेन संकट पर चीनी नेतृत्व द्वारा इस्तेमाल किए गए विरोधाभासी बयानों में स्पष्ट है. एक यूरोपीय ओपिनियन मेकर मॉडर्न डिप्लोमेसी के मुताबिक एक ओर, चीन ने ‘राज्य संप्रभुता’ शब्द का इस्तेमाल करने से परहेज किया. दूसरी ओर, संघर्ष के शुरुआती चरणों में यूक्रेन में चीन के राजदूत ने कहा कि चीन यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है. इससे देश की संप्रभुता की अवधारणा के प्रति चीन का संदिग्ध रवैया स्पष्ट होता है. 

दूसरा पहलू जिस पर चीन गहरी नजर रखता है वह है “छवि निर्माण” यानि इमेज बिल्डिंग. चीन की रणनीति ऐसी है कि वह सुनिश्चित करता है कि वह कम से कम कुछ देशों की नजर में अच्छा है. चीन के लिए इस बेचैनी का कारण यह है कि चीनी नीति निर्माता पहले से ही निकट भविष्य में चीन पर क्वाड (Quad) और पैसिफिक गठबंधन के संभावित प्रभाव को लेकर आशंकित हैं. 

Quad और यूएस-ईयू अलायंस से क्यों है डर?

क्वाड गठबंधन के अलावा, चीन के लिए डर का दूसरा अहम बिंदु यूएस-ईयू अलायंस है. पिछले साल से, जब यूरोपीय संघ ने शिनजियांग में मानवाधिकारों की स्थिति के कारण चीन पर प्रतिबंध लगाए थे, चीन के यूरोपीय संघ के साथ रिश्ते उतने ठीक नहीं रहे हैं. पूर्वी यूरोप में युद्ध के बीच रूस को चीन के समर्थन पर यूरोपीय संघ अपनी चिंता जताता रहा है. चीन चिंतित है कि अगर यूरोपीय संघ अमेरिका के साथ अधिक निकटता से जुड़ता है, तो यूरोपीय संघ के साथ चीन के व्यापार संबंध, साथ ही साथ बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव जैसी बड़ी परियोजनाएं खतरे में पड़ सकती हैं.

यूरोपीय संघ के साथ कैसे हैं रिश्ते?

हालांकि, चीन सावधानी से आगे बढ़ रहा है क्योंकि वह यूरोपीय संघ के साथ अपने संबंधों को खतरे में नहीं डालना चाहता है क्योंकि यूरोपीय संघ चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और अधिकांश यूरोपीय संघ के देश बीआरआई (BRI) का हिस्सा हैं. अब, इस उभरती भू-राजनीतिक स्थिति से निपटने के लिए, चीन रूख बदल रहा है. मीडिया पोर्टल के अनुसार चीन अब अफगानिस्तान में गलत कामों के लिए पश्चिम, विशेष रूप से अमेरिका की निंदा करने के लिए बातचीत को स्थानांतरित कर रहा है. इस प्रकार चीन यह सुनिश्चित कर रहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अफगानिस्तान संकट की तरफ मोड़ रहा है.