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शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

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तंत्र एवं धर्म से जुड़े क्रिया-कलापों में सिंदूर बहुप्रचलित सामग्री है। इसका उपयोग सामान्य धार्मिक कर्मों से लेकर गूढ़ तांत्रिक कर्मकांडों तक में किया जाता है।

सिंदूर के वैसे तो अनेक प्रयोग हैं, परंतु यहां कुछ सरल और शीघ्र फलकारी प्रयोग दिए जा रहे हैं। इनका सविधि एवं श्रद्धापूर्वक प्रयोग करने से अवश्य ही मनोकामना की पूर्ति होगी।

जिन व्यक्तियों को मंगली दोष है अथवा मंगल के कारण विवाह में विलम्ब अथवा दाम्पत्य सुख में कमी का अनुभव हो रहा हो, उन्हें शुक्ल पक्ष के मंगलवार को हनुमान जी का सिंदूर चढ़वाना चाहिए। यह प्रयोग 9 बार करें तो निश्चय ही सफलता मिलती है।

जिन व्यक्तियों को आए दिन वाहनादि से दुर्घटना का सामना करना पड़ता है तो उन्हें मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में सिंदूर दान करना चाहिए।

यदि आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो एकाक्षी नारियल पर सिंदूर चढ़ाकर उसे लाल वस्त्र में बांधकर मां लक्ष्मी से धन की प्रार्थना करते हुए अपने व्यवसाय स्थल पर रखना चाहिए।

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यदि सूर्य अथवा मंगल आपके लिए मारक ग्रह हैं और उनकी दशा अथवा अंतर्दशा चल रही है, तो सिंदूर को बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए। ऐसा करने से संबंधित ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है।

यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ रहे हैं तो गुरु पुष्य योग अथवा शुक्लपक्ष के पुष्य योग में गणेश जी के मंदिर में सिंदूर का दान करने से परीक्षा में परिश्रम से अधिक सफलता मिलेगी।

यदि रक्त से संबंधित किसी रोग से आप पीड़ित हैं, तो सिन्दूर को अपने ऊपर से उतारकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें। रोग में लाभ मिलेगा।

जिन व्यक्तियों को नजर अधिक लगती है, उन्हें संभव हो सके तो प्रत्येक दिन अन्यथा मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के मंदिर में जाकर उनके चरणों से थोड़ा-सा सिंदूर लेकर अपने मस्तक पर धारण करना चाहिए।

यदि आपके ऊपर किसी ने अभिचार कर्म कर दिया है अथवा आप भूत-प्रेत इत्यादि ऊपरी बाधा से पीड़ित हैं तो अपने क्षेत्र के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में सिंदूर का चोला चढ़वाना चाहिए।

यदि आपके ऊपर अभिचार कर्म किए जाने की आशंका हो तो शनिवार को दोपहर में किसी एकांत चौराहे पर नींबू की चार फांक कर लें और उसमें सिंदूर डालकर उसे चारों दिशाओं में फैंक दें। इससे आपके शत्रु द्वारा किया गया अभिचार कर्म अप्रभावी हो जाता है।

अपने घर के मुख्य द्वार के ऊपर सिंदूर चढ़ी हुई गणेश की प्रतिमा स्थापित करने से घर में सुख-समृद्धि एवं शांति रहती है, तथा शत्रुओं द्वारा किसी भी प्रकार के तांत्रिक प्रयोगों के भय से मुक्ति मिलती है।

यदि आपके ऊपर किसी शत्रु द्वारा मारण अथवा उच्चाटन जैसे घातक प्रयोग करवाए गए हों तो 11 लौंग लेकर उन पर सिंदूर लगा लें और उन्हें एक नींबू में चारों ओर गाड़ दें। गाड़ते समय शत्रु के नाम का उच्चारण करते रहें और उस नींबू को चौराहे पर अथवा एकांत स्थान पर गाड़ दें। ऐसा करने से शत्रु कमजोर होगा और उसके द्वारा कराए गए अभिचार कर्म उसे ही पीड़ित करेंगे।

यदि आप कर्ज से परेशान हैं अथवा व्यवसाय में बाधा उत्पन्न हो रही है, आय में वृद्धि नहीं हो रही है तो एक सियार सिंगी लेकर उसे एक डिब्बी में रख लें और उसे प्रत्येक पुष्य नक्षत्र में सिंदूर चढ़ाते रहें। ऐसा करने से शीघ्र ही फल मिलेगा। —पं. कमल राधाकृष्ण श्रीमाली