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कमलनाथ के करीबी नरेंद्र सलूजा BJP में क्यों गए, एक गायक की फटकार और आ गई दरार?

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(Madhya Pradesh) में आज राहुल गांधी की यात्रा का तीसरा दिन है. प्रदेश कांग्रेस जोश से लबरेज यात्रा में शामिल है और यहां राजधानी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बेहद करीबी नरेंद्र सलूजा सुबह बीजेपी नेता और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मंच साझा करते हुए बीजेपी में शामिल हो गए हैं.

नरेंद्र सलूजा का बीजेपी में शामिल होना कमलनाथ और कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है और इसका असर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मध्यप्रदेश चरण पर भी पड़ सकता है.

लेकिन सलूजा ने कांग्रेस क्यों छोड़ दी?

बीते दिनों 10 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ इंदौर में पंजाबियों के एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. इसी कार्यक्रम के बाद कीर्तन गायक मनरीत सिंह कनपुरिया ने आयोजन समिति को जमकर फटकार लगाई थी. मानपुरिया का कहना था कि सिख विरोधी दंगों के पीछे कमलनाथ का हाथ था और इसलिए उन्हें पंजाबियों के कार्यक्रम में बुलाना गलत है.

माना जा रहा है कि कमलनाथ अपने करीबी सलूजा से इसी मसले के बाद नाराज हो गए थे और उनकी जांच में इसके पीछे सलूजा का हाथ होना निकल कर आया था, जिसके बाद 13 दिसंबर को सलूजा को उनके मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था.

आखिर क्यों थे सलूजा कमलनाथ के करीबी?

नरेंद्र सलूजा जो कि कांग्रेस की छात्र इकाई और फिर युवा इकाई से होते हुए मुख्य कांग्रेस में पहुंचे थे उनके बारे में कांग्रेस पार्टी के सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ के पक्ष में जब प्रदेश में कोई प्रवक्ता बोलने को तैयार नहीं था उस वक्त से सलूजा कमलनाथ के पक्षधर रहे हैं.एक कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कमलनाथ जब मध्यप्रदेश आए तो प्रदेश की राजनीति के चलते कोई भी उनको भाव नही देना चाह रहा था. एक नए खिलाड़ी के जुड़ने से होने वाली परेशानी से सब पल्ला झाड़ रहे थे और जब कोई प्रवक्ता इनके पक्ष में नहीं बोलता था तब सलूजा ने इनका साथ दिया था. सरकार आने के बाद भी सलूजा कमलनाथ के व्यक्तिगत मीडिया समन्वयक थे और अब बीजेपी में चले गए हैं तो इसका नुकसान तो होगा,”

राहुल गांधी की यात्रा पर भी पड़ सकता है असर

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अभी मध्यप्रदेश से गुजर रही है और इसी बीच बीजेपी ने यात्रा के मुख्य बिंदुओं के काट निकालना चालू कर दिया है. एक तरफ जनजातीय गौरव यात्रा निकाल कर आदिवासियों पर होने वाले असर को कम करने की कोशिश है तो वहीं दूसरी ओर इंदौर वाले घटनाक्रम के बाद खालसा समाज के लोगों को कांग्रेस और यात्रा से दूर ले जाने के लिए अब समाज के ही नरेंद्र सलूजा को बीजेपी में शामिल किया गया है. कांग्रेस छोड़कर आए सलूजा यात्रा के इस मोड़ पर कांग्रेस की यात्रा में कांटा बने रहेंगे.

एक दिन पहले ही राहुल गांधी आदिवासी लीडर टंट्या मामा की जन्मस्थली पहुंचे थे और वहां पर सभा में बीजेपी पर निशाना साधा था ,लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक दिन पहले ही उस गांव की यात्रा कर आए थे.

कुल मिलाकर बीजेपी मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की यात्रा के असर को कमतर करने की भरपूर कोशिश कर रही है और आने वालों दिनों में माहौल और दिलचस्प होने की पूरी संभावना है.