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तेलंगाना: KCR की पार्टी के कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद गिरफ्तार हुईं CM जगन की बहन शर्मिला

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हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन येदुगुरी संदीप्ति शर्मिला रेड्डी को तेलंगाना के वारंगल में उनके समर्थकों और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प के बाद बीते सोमवार को गिरफ्तार किया जा चुका है।

जी दरअसल ऐसा बताया गया है कि कुछ लोगों ने वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) की नेता शर्मिला रेड्डी के काफिले में एक प्रचार बस को आग लगाने की कोशिश की। हालाँकि बाद में बस को जलाने की कोशिश करने वाले लोग मौके से भाग गए। जिस समय यह घटना हुई उस समय शर्मिला अपने समर्थकों के साथ पदयात्रा पर थीं। वहीं जब शर्मिला को उनके समर्थकों के साथ पुलिस ले जा रही था, तब उन्हें चिल्लाते हुए सुना गया कि ‘आप मुझे क्यों गिरफ्तार कर रहे हैं? मैं पीड़िता हूं, यहां आरोपी नहीं हूं।’

इस घटना के बाद शर्मिला ने कहा कि ‘टीआरएस सरकार की साजिश के तहत पदयात्रा के दौरान बस में आग लगा दी गई थी। मैं सभी अनुमतियों के साथ पदयात्रा कर रहा हूं… वे कानून व्यवस्था की समस्या पैदा करने और मुझे गिरफ्तार करने और पदयात्रा रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस को मोहरा बनाकर हमले किए जा रहे हैं।’ आप सभी को बता दें कि शर्मिला ने वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) लॉन्च की थी और पिछले साल अक्टूबर से ‘पदयात्रा’ पर हैं। जी हाँ और वाह अब तक 3,500 किमी की दूरी तय कर चुकी हैं। वहीं वह कल नरसम्पेट में थीं, जहां उन्होंने स्थानीय टीआरएस विधायक पेड्डी सुदर्शन रेड्डी की आलोचना की।

इस वजह से मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हो गए। उन लोगों ने उस वाहन पर हमला किया, जिसमें शर्मिला अपनी पदयात्रा के दौरान यात्रा कर रही थीं और उसमें आग लगा दी। यह सब होने के बाद उनके समर्थक नाराज हो गए और उनके और टीआरएस पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच लड़ाई शुरू हो गई। आप सभी को पता हो कि शर्मिला की ‘पदयात्रा’ ने वाईएसआरटीपी और सत्तारूढ़ टीआरएस के बीच बहुत अधिक राजनीतिक तनाव पैदा कर दिया है। वहीं राज्य भाजपा अध्यक्ष बंडी संजय कुमार की एक और प्रस्तावित ‘पदयात्रा’ विवादों में घिर गई है। जी हाँ और तेलंगाना पुलिस ने इसके लिए पब्लिक मीटिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। पुलिस ने कहा कि भैंसा में ‘पदयात्रा’ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील है।