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UP: अब दिन के हिसाब से बाजार में तय हो रहा है मुर्गे का भाव, नॉन-वेज के दामों में गिरावट

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शाकाहार की तरफ झुकाव कहें या दिन विशेष को नानवेज नहीं खाने का चलन, हकीकत यह है कि मुर्गे का भाव दिन के हिसाब से तय हो रहा है। गोरखपुर में मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को जहां मुर्गे का भाव गिर रहा है, वहीं रविवार को सप्ताह का सबसे महंगा मुर्गा बिक रहा है।

शुक्रवार और बुधवार को भी मुर्गे का भाव बढ़ा हुआ रह रहा है। चिकन की दुकानों पर ही नहीं, होटल और रेस्टोरेंट में मांग कम होने से मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को नानवेज पर विशेष ऑफर दिये जा रहे हैं।

मेडिकल रोड, जेल बाईपास रोड, देवरिया बाईपास, मोहद्दीपुर रोड पर सर्वाधिक मुर्गे की दुकानें हैं। शास्त्री चौक, रेती, हार्बर्ट बंधे पर भी मुर्गे की दुकानें हैं। इन दुकानों पर दिन के हिसाब से मुर्गे का रेट चस्पा हो जाता है। पोल्ट्री फार्म स्थापित करने वाले जित्तन जायसवाल का कहना है कि मुर्गे का भाव पहले सीजन के हिसाब से तय होता था। ठंड में मुर्गे जल्दी तैयार होते हैं।

ऐसे में ठंड में इसकी कीमतों में गिरावट आ जाती है। वहीं गर्मी में मुर्गों को तैयार होने में समय लगता है, ऐसे में कीमतें गर्मी में कीमतें बढ़ जाती है। लेकिन हाल के दिनों में मुर्गे का कारोबार मंदा दिख रहा है। वैवाहिक सीजन में भी मुर्गे का भाव 140 रुपये से लेकर 160 रुपये के बीच रह रहा है। पादरी बाजार में मुर्गा कारोबारी इश्तियाक का कहना है कि ‘डिमांड के आधार पर ही कीमतें तय होती हैं। मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को अन्य दिनों की तुलना में बिक्री 40 से 50 फीसदी तक गिर जाती है। ऐसे में कीमतें कम करना मजबूरी है। कंपनियों ने बिगाड़ दिया मार्केट जिले के पुराने कारोबारियों में शुमार अनूप सिंह का कहना है कि पोल्ट्री वाले बड़ी कंपनियों के मजदूर बनकर रह गए हैं।

मुर्गे के वजन से तय हो रहा भाव
मुर्गे के वजन से भाव का निर्धारण होता है। ठंड में सवा किलो तक का मुर्गा रेस्टोरेंट में सप्लाई होता है। इसकी कीमत अधिक होती है। वहीं दो से तीन किलो वजन तक के मुर्गे का भाव अपेक्षाकृत कम होता है। कारोबारी अनूप सिंह का कहना है कि सवा किलो तक का खड़ा मुर्गा 110 रुपये किलो बिक रहा है। वहीं तीन किलो तक का मुर्गा 85 से 90 रुपये प्रति किलो ही है।

रेस्टोरेंट-होटलों में दिन का इफेक्ट
रेस्टोरेंट और होटलों में भी नानवेज के डिमांड का असर दिन के हिसाब से पड़ रहा है। रेस्टोरेंट में मंगलवार, गुरुवार को अन्य दिनों की अपेक्षा 20 से 30 फीसदी कम नानवेज की खपत है। दुकानदार मंगल-गुरु को एक पर एक फ्री का ऑफर तक चला रहे हैं। रेस्टोरेंट कारोबारी ध्रुव श्रीवास्तव का कहना है कि कुछ रेस्टोरेंट वेज खाना ही देते हैं। मंगलवार और गुरुवार को वहां भीड़ बढ़ती है।