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31 दिसंबर से पहले निपटा लें टैक्स से जुड़े ये चार काम, वरना परेशानी बढ़नी तय है

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दिसंबर का महीना खत्म होने में बस तीन दिन बचे हैं। आपको याद दिला दें अगर आपने टैक्स से जुड़े जरूरी कामों नो पूरा नहीं किया है तो इन बचे तीन दिनों में मौका है वरना परेशानी बढ़नी तय है।

विलंब शुल्क के साथ आयकर रिटर्न भरना, संशोधित रिटर्न भरना जैसे काम करने के लिए आपको पास वक्त काफी कम बचा है।

1. विलंब शुल्क के साथ आयकर रिटर्न

अगर आपने अभी तक वित्त वर्ष 2021-22 का आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो विलंब शुल्क के साथ शनिवार यानी 31 दिसंबर तक इसे दाखिल कर सकते हैं। अगर आपकी वार्षिक आय पांच लाख रुपये से कम है, तो आपको जुर्माने के रूप में एक हजार रुपया भरना होगा। वहीं, अगर आपकी आय पांच लाख रुपये से ज्यादा है, तो आपको पांच हजार रुपये का विलंब शुल्क देना होगा। एक तारीख के बाद जुर्माना राशि बढ़ जाएगी।

2. एडवांस टैक्स की किस्त

अगर आपको एडवांस टैक्स यानी अग्रिम कर भरना है, और आप उसके लिए नियत तारीख यानी 15 दिसंबर तक टैक्स नहीं भर पाए हैं तो आपके पास उसे भरने का अवसर है। नियम के तहत ऐसे करदाता जिनका सालाना टैक्स 10 हजार रुपये से अधिक बनता है अगर वो 15 दिसंबर तक 75 फीसदी अग्रिम कर जमा नहीं पाए तो उनकी देनदारी पर एक फीसदी ब्याज लगेगा। इस नियम के तहत 75 फीसदी से कम एडवांस टैक्स भरने की स्थिति में भी एक फीसदी का ब्याज लगाया जाता है।

3. आयकर रिटर्न में संशोधन

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करते समय अगर आपसे कोई गलती या चूक हो गई है, तो इसमें आप 31 दिसंबर तक संशोधन कर सकते हैं। आपको 31 दिसंबर तक संशोधित रिटर्न दाखिल करनी होगी। अगर आप संशोधित रिटर्न भरने का काम नहीं करेंगे तो फिर गलती सुधारने का मौका नहीं मिल पाएंगा। अगर गलती में सुधार न किया गया तो संभव है आयकर विभाग की तरफ से नोटिस भी आ जाए।
4. जीएसटीआर-9 दाखिल करना

वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी में पंजीकृत करदाताओं को हर वित्त वर्ष के समाप्त होने के बाद वार्षिक जीएसटीआर-9 दाखिल करनी होती है। जीएसटीआर-9 ऐसे करदाताओं के लिए होता है जिनका सालाना टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से अधिक है। जरूरत पड़ने पर संशोधित रिटर्न दाखिल करनी पड़ती है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इस काम की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है। अगर इसके बाद आप रिटर्न दाखिल करेंगे तो प्रतिदिन 200 रुपये के हिसाब से जुर्माना देना पड़ेगा। यह जुर्माना टर्नओवर से अधिकतम 0.5 फीसदी तक हो सकता है।