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भोजपुर में सांसद व विधायक ने किया श्री विद्यासागर गौशाला के नवीन भवन का लोकार्पण, साल 1999 में शुरू हुई गौशाला बनी 267 गायों का आशियाना

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मण्डीदीप/ओबेदुल्लागंज – गुरुवार को मानतुंगाचार्य की तपोस्थली भोजपुर में श्री विद्यासागर गौशाला के नवीन भवन का लोकार्पण व नूतन भवन एवं क्षेत्र कार्यालय का उद्घाटन क्षेत्रीय सांसद व विधायक द्वारा किया गया । अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम गौशाला का लोकार्पण व नवीन कार्यालय का उदघाटन किया गया तत्पश्चात दीप प्रज्वलन कर मुनिश्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया । मुनिश्री ने अपने प्रवचनों में गोवंश व पशुओं की सेवा को प्राथमिकता देते हुए सभी को गौसेवा हेतु प्रेरित करते हुए गौवंश के संरक्षक व संवर्धन पर जोर दिया।श्री शांतिनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र शांति नगर विकास समिति भोजपुर जिला रायसेन के अंतर्गत करीब 120 लाख की लागत से निर्मित श्री विद्यासागर गौशाला के नवीन भवन के लोकापर्ण एवं क्षेत्रीय कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में विदिशा संसदीय क्षेत्र के सांसद रमाकांत भार्गव, भोजपुर क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र पटवा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र भोजपुर के अध्यक्ष विमल कुमार जैन   और  विनोद  जैन  आर  एन  जी ने बताया कि युगश्रेष्ठ परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज  के मंगल आशीर्वाद एवं उनके शिष्य पाठशाला प्रेरक संस्कार प्रेणता मुनि श्री 108 निर्णय  सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सान्निध्य में  उपरोक्त सभी कार्यक्रम सम्पन्न हुए।इस मौके पर दयोदय महासंघ के अध्यक्ष प्रेमचंद (प्रेमी), तहसीलदार प्रमोद उईके, ओबेदुल्लागंज थाना प्रभारी संदीप चौरसिया, भोजपुर चौकी प्रभारी वैष्णवी जैन, सरपंच भोजपुर व ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, संभाग रायसेन एवं मंदिर कमेटी के जिनेन्द्र जैन, अमिताभ मनयाँ, विनोद जैन, संजीव जैन, राजीव जैन, छोटू जैन व पंकज जैन, मुकेश जैन समेत अनेकों पदाधिकारी व कई विशिष्ट जन उपस्थित रहे।

असहाय, लाचार व बीमार गौवंश को मिला आश्रय

समिति  के  कार्यक्रम संयोजक अमिताभ मन्या विनोद जैन आर एन जी ने बताया गोशाला की स्थापना परम पूज्य संत शिरोमणी आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के सुयोग्य शिष्य मुनि श्री १०८ नियमसागर जी महाराज की प्रेरणा से 15 नवंबर 1999 को की गई थी। जिसके 4 नवीन शेड बनाये गए हैं। इस गौशाला में करीब 267 गौवंश मौजूद है। जिन्हें पोष्टिक व संतुलित आहार दिया जाता है। यहाँ रहने वाली लगभग सभी गाये दुधारू नहीं हैं बल्कि उन्हें असहाय, लाचार व बीमार अवस्था में लाया गया था जो अब स्वस्थ हैं।