Home धर्म - ज्योतिष श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर में नन्हीं प्रतिभाऐं सीख रहीं धर्म ज्ञान 

श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर में नन्हीं प्रतिभाऐं सीख रहीं धर्म ज्ञान 

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शिविर में आयोजित हो रहीं ज्ञान वर्धक प्रतियोगिताऐं – 

बच्चों ने जीवित पशुओं के निर्यात के विरोध में निकाला जुलूस – 

ललितपुर – वर्णी नगर मडावरा में श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर,जयपुर के तत्वावधान एवं निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्री 108 सुधा सागर महाराज के मंगल आर्शीर्वाद एवं शिविर प्रभारी पंo आलोक मोदी शास्त्री, पंo मुकेश जैन शास्त्री ललितपुर के मार्गदर्शन में श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन 14 से 22 जून तक आयोजित किया जा रहा है। शिविर के संयोजक डांo बिरधीचंद्र जैन एवं डांo राकेश जैन सिंघई ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतवर्ष में दो सौ स्थानों पर शिक्षण शिविर आयोजित किए गए।जिसमें लगभग दो लाख बच्चों,युवाओं,महिलाओं ने प्रतिभाग किया। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी गर्मियों की छुट्टियों का सदुपयोग करने के लिए बच्चों का शिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। जिसमें बच्चे धार्मिक संस्कारों के साथ नैतिक संस्कारों को सीख रहे हैं। प्रातः काल बच्चों को पूजन करने की विधि एवं बालबोध भाग एक व दो सिखाए जा रहे हैं। दोपहर व सायंकाल में सीनियर वर्ग के लिए धार्मिक ग्रंथों रत्नकरण्ड श्रावकाचार,द्रव्य संग्रह,छहढाला,इष्टोपदेश आदि ग्रंथों पर पं० सोहित जैन शास्त्री, पंo आदित्य जैन शास्त्री के निर्देशन में कक्षाएं चल रहीं हैं।सायंकाल सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित हो रहीं हैं जिसमें बच्चे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।प्रशिक्षण शिविर को सफल बनाने में प्राचार्या ममता जैन,रुबी जैन का सहयोग मिल रहा है।इस मौके पर डा०राकेश जैन सिंघई, राजू सेठी,सुमत मोदी,अनिल जैन शिक्षक पुष्पेन्द्र जैन मौजूद रहे।

बच्चों ने मूक पशुओं के निर्यात के विरोध में निकाला जुलूस – 

मडावरा( ललितपुर)”गौ माता कहे पुकार,बंद करो जीवित पशुओं का निर्यात” इस नारे को लगाते हुए बच्चों ने नगर में जुलूस निकालकर मत्स्य पालन,पशुपालन और डेयरी मंत्रालय,नई दिल्ली के सचिव से मांग की है कि भारत देश से जीवित पशुओं के निर्यात के अध्यादेश को निरस्त किया जाए। यह भारतीय संस्कृति पर कलंक है।भारतीय संस्कृति अहिंसामयी है।भारतीय संस्कृति को बचाना है तो इस अध्यादेश को वापिस लेना होगा।जिससे भारतीय संस्कृति सुरक्षित बच सके ।

फोटों कैप्सन- 

01- नगर में जीवित पशुओं के निर्यात के विरोध में जुलूस निकालते हुए बच्चे –