Home धर्म - ज्योतिष टैगोर नगर के लालगंगा पटवा भवन में चातुर्मासिक प्रवचन  

टैगोर नगर के लालगंगा पटवा भवन में चातुर्मासिक प्रवचन  

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दुनिया की सारी समस्याओं का समाधान ममता है: प्रवीण ऋषि

रायपुर – जो व्यक्ति पास्ट से फ्री नहीं हो सकता, वह कभी प्रेजेंट में नहीं जी सकता। लोग कई बार इन परिस्थितियों का सामना करते हैं। कभी मोह के कारण तो कभी क्रोध के कारण। ज्यादा वक्त तक इसी स्थिति में फंसे रहने से व्यक्ति मनोविकार का शिकार हाे सकता है। दुनिया में ऐसी हर समस्या का समाधान मां की ममता है। टैगोर नगर के लालगंगा पटवा भवन में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचन में शुक्रवार को प्रवर प्रवीण ऋषि ने ये बातें कही s। एक प्रसंग बताते हुए उन्होंने कहा, एक बार एक बच्चा घर-बार छोड़कर निकल गया। मां तड़प-तड़पकर आवाजें लगाती, बेटा अरनक कहां चले गए। वह उसे तलाशती रही। इधर, बच्चा एक जगह अकेला पड़ा रहा। मां एक दिन उस गली में पहुंची। आवाज लगाई, बेटा अरनक। मां की आवाज सुनते ही अचेत पड़े अरनक की आंखें खुल गईं। दरवाजा खोलकर दौड्ते हुए मां के गले से लग गया। मां ने कुछ नहीं कहा। बस आंसुओं से उसका अभिषेक कर दिया। मां के आंसु में वो ताकत है कि अरनक कहने लगा, मत रो मां। मैं तेरे अरमारन पूरे करूंगा। वह सीधे गुरुदेव के पास चला गया। मां की खातिर वह साधना के शिखर तक पहुंचा। कहने का तात्पर्य यही है कि दुनिया की हर समस्या का समाधान मां की ममता में है। 

जो पास्ट से फ्री हो सकता है, वही प्रेजेंट में जी सकता है 

गुरुदेव ने कहा कि लोग अपने अतीत को गले से लगाए बैठे हैं। यही उनके दुख का कारण है। किसी ने कुछ गलत बोल दिया। किसी ने साथ छोड़ दिया। किसी ने कुछ बुरा कर दिया। इन बातों को जब तक मन में बांधे बैठे रहेंगे, दुखी रहेंगे। इस परेशानी से बचने का सबसे अच्छा उपाय है ओस्वामी। हमारे गुरुदेव इसके बड़े साधक थे। इसी वजह से 92 साल की उम्र में भी उनका चेहरा गुलाबी दिखता था। उन्हें देखकर उनकी उम्र का अंदाजा कोई नहीं लगा सकता था। 1978 का एक प्रसंग बताते हुए उन्होंने कहा, गुरुदेव का चातुर्मास समाप्त होने वाला था। हमने प्रतिक्रमण भी कर लिया था। एक रात संघ के पदाधिकारी आए। विनती करने नहीं, आरोप-प्रत्यारोप करने। एक घंटे तक बहस चली। हम चुपचाप बैठकर सब सुनते रहे। जाते वक्त संघ के पदाधिकारियों ने मंगल पाठ सुनाने कहा। गुरुदेव ने बड़े सहज भाव से उन्हें मंगल पाठ सुनाया। इस प्रसंग का सार यही है कि आपके सामने कौन कैसा व्यवहार कर रहा है, इससे ज्यादा जरूरी है कि आप उनके साथ कैसा व्यवहार करते हैं। दूसरों की बुरी बात से आप प्रभावित होते हैं तो ये आपकी गलती है। इसका मतलब यही है कि आपने उनकी बातों को स्वीकार कर लिया।    

प्रवचन के लिए रोज सुबह उमड़ रही भक्तों की भीड़  

रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि रोज सुबह 9 से 10 बजे के बीच गुरुदेव के प्रवचन जारी हैं। इसे सुनने के लिए रोज बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं पटवा भवन पहुंच रहे हैं। मौसम को देखते हुए परिसर में तीन विशाल डोम बनाए गए हैं। इसी में श्रद्धालुओं के बैठने का इंतजाम किया गया है।