आगरा के हरि पर्वत हो रहा है मंगल चातुर्मास
भक्ति कलश के साथ मंगल कलशों की हो रहे हैं स्थापना – विजय धुर्रा
आगरा – कुछ ऐसा काम करों कि दुश्मन भी आपका सम्मान करे सर्वनाश करने की चाह रखने वाले दुश्मन ने भी एक बार आपकी प्रशंसा करने को मजबूर हो गए एक बार दुश्मन से प्रशंसा सुनकर मरना यदि दुश्मन पक्ष हमारा समर्थन कर रहा है तो वह हमारी प्रशंसा है।यदि विपक्ष ने मुझे चुना है तो मुझे निष्पक्ष रहना है वह अपने बेटे को सजा देगा विपक्ष वाले बेटे को सजा से बचा लेगा, हर व्यक्ति को अपने निंदक का विश्वास समर्थन जीतना है । निंदक तुम्हारा प्रसंशा वन जाए तो आप सर्वश्रेष्ठ कहलायेंगे उक्त आश्य के उद्गार हरिपर्वत आगरा में भव्य विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिपुगंवश्री सुधासागर जी महाराज ने व्यक्त किए
हो रही है मंगल कलशों की स्थापना
मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने बताया कि मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज एवं क्षुल्लक श्री गंभीर सागर जी महाराज ससंघ के चातुर्मास में कलशों की स्थापना प्रतिदिन हो रही है हरि पर्वत आगरा में हो रहे भव्य चातुर्मास में देशभर से भक्त पहुंच कर भक्तिकलशो के साथ ही मंगल कलशों की स्थापना कर अपने आप को धन्य मान रहे हैं ज्ञातव्य है कि आगरा चातुर्मास का पहला कलश चातुर्मास समिति के अध्यक्ष प्रदीप जैन पी एन सी आगरा के निवृत्तमान महापौर नवीन जैन योगेश जैन चक्रेश जैन पी एन सी परिवार ने पांच सौ पचपन कलश भेंट कर यह सौभाग्य अर्जित किया था।
अपनी जाति की इज्जत बचाने रात्रि भोजन त्यागे
उन्होंने कहा कि हमे अपनी जाति की इज्जत बचाने के लिए रात्रि भोजन नहीं करना चाहे तो भूख से मर जाना लेकिन रात्रि में भोजन नहीं करना चाहे कमरे में बंद होकर भोजन कर लेना सारा विश्व जानता है कि जैनी कैसा होता है वैसा ही हम को रहना है आज दुनिया भर के हवाई जहाजो में जैन थाली दी जा रही है ये कोई सामान्य बात नहीं है आपको अपने कुछ पर जाति पर गौरव होना चाहिए पुण्य के योग से तुम्हारे लिए तीर्थंकर भगवान जहां जन्मते हैं वह भारतीय भूमि मिलीं जिस पर्याय को देवता तरसते हैं ऐसा मनुष्य जीवन के साथ जैन कुल मिला है इसकी दुर्लभता को भूके रह जाना लेकिन सार्वजनिक स्थल पर रात्रि में भोजन नहीं करना ये पक्का है कि एक दिन भोजन नहीं करोगे तो तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ेगा
अच्छा आदमी वनने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है
मुनि पुंगव ने कहा कि अच्छा आदमी बननेको बहुत मेहनत करनी पड़ती है अच्छाआदमी बनने के लिए भगवान को भी लगना पडता है.गुरु को भी अच्छा आदमी बनाने के लिए लगाना पडता है।सब कुछ अच्छा होगा फिर भी आदमी अच्छा बन जाये कोई जरूरी नहीं मारीच के जीव के उदाहरण से महाराज जी ने बताया,मारीच जैसे पुण्यात्मा जीव मिलना फिर भी नही सुधर रहा है। सब कुछ अच्छा मिला भारत भूमि जैन धर्म तीर्थकर के कुल में जन्म जिस घर तीर्थकर कामदेव चक्रवर्ती जैसे महा पुरुष की सननधी मिली हो फिर भी हम सुधर नहीं रहे ऐसा भी होता है हुआ है शास्त्रों में उदाहरण भरे पड़े हैं किस्मत हमारी अच्छी है कर्म अच्छा है अच्छा इंसान, होना मिला। जन्म किस्मत से माता पिता किस्मत से मिला हमें उनके प्रतिकूल नही चलना है। कर्म ने हमारी किस्मत में झांटकर हमें यहां जन्म लेना हैं। हमें अच्छे माता पिता मिले हैं हमें किस्मत से जैन धर्म मिला तो इसका सदुपयोग कर अपनी पर्याय को धन्य वना सकते हैं
वेटीया भी मां वाप का सम्मान रख सकती है
उन्होंने कहा कि वेटीया भी अपने मां बाप का सम्मान रख सकती ऐसा हुआ है अपने मां बाप के सम्मान के लिए ब्रह्मी सुन्दरी मां वाप खातिर ब्रह्मचारीय ब्रत लिया था ये श्रेष्ठ मार्ग है मुझे मालूम है ये कठिन है लेकिन आप कह सकते हैं कि जव तक मेरे माता-पिता जीवित है तव तक हम उनकी सेवा कर सकते आप शर्त रख सकते हैं ये भी कठिन है चलो कोई बात नहीं लेकिन तीसरा मार्ग है तुम्हारी सांसु तुम्हेरी प्रशांसकर दे तो आपने मां वाप का कर्ज उतार दिया समझ लेना किस्मत ने साथ दिया है तुम किस्मत को धोका मत देना आज यही से प्रवचन प्रारंभ हुआ था