Home धर्म - ज्योतिष ऐतिहासिक अनूठा संयोग 23 वां वर्ष,23 तारीख,23 वें तीर्थकर

ऐतिहासिक अनूठा संयोग 23 वां वर्ष,23 तारीख,23 वें तीर्थकर

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जैन मंदिरों में चन्द्रयान -3 की चांद की धरती पर सफलतापूर्वक लैण्डिंग की कामना के साथ मनाया भगवान पार्श्वनाथ का 2875 वां निर्वाणोत्सव 

सित सावन साते आई.. जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का 2875 वां निर्वाणोत्सव मनाया – मंदिरों में चढाया निर्वाण लाडू – मंदिरों में सजी सम्मेद शिखर जी की झांकियां 

जयपुर – जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का 2875 वां निर्वाणोत्सव बुधवार, 23 अगस्त को जैन धर्मावलंबियों द्वारा भक्ति भाव से मनाया गया । इस मौके पर शहर के दिगम्बर जैन मंदिरों में चन्द्रयान -3 की चांद की धरती पर सफलतापूर्वक लैण्डिंग करने की कामना करते हुए पूजा अर्चना के विशेष आयोजन किये गये । पूजा के दौरान मंत्रोच्चार के साथ निर्वाण लाडू चढाया गया । राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ के मुताबिक प्रातः मंदिरों में भगवान पार्श्वनाथ के जयकारों एवं मंत्रोच्चार के साथ जलाभिषेक एवं पंचामृत अभिषेक किये गये। तत्पश्चात अष्ट द्रव्य से भगवान पार्श्वनाथ की ” पार्श्वनाथ देव सेव आपकी करु सदा, दीजिए निवास मोक्ष भूलिए नहीं कदा….. ” के उच्चारण करते हुए सामूहिक पूजा अर्चना की गई। निर्वाण काण्ड भाषा के सामूहिक उच्चारण पश्चात हाथों में मोक्ष का प्रतीक निर्वाण लाडू, अर्घ्य एवं दीपक लेकर जयकारों के बीच ” सित सावन साते आई, शिव नारि वरी जिनराई। सम्मेदाचल अरि माना, हम पूजे मोक्ष कल्याना।। ” का सामूहिक उच्चारण करते हुए भगवान के समक्ष निर्वाण लाडू चढाया गया । पंच परमेष्ठी एवं भगवान पार्श्वनाथ की आरती के बाद समापन हुआ ।  श्री जैन के मुताबिक नटाटा आमेर स्थित श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन में अध्यक्ष महेन्द्र साह आबूजीवाले, महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा एवं संयुक्त मंत्री अजय साह के नेतृत्व में मूलनायक अतिशय कारी पार्श्वनाथ भगवान के अभिषेक, शांतिधारा के बाद पूजा अर्चना की जाकर जयकारों के बीच निर्वाण लाडू चढाया गया ।  इस मौके पर नवीन साह, अशोक साह,अजय गोधा, सुनील गोधा,अनिल साह,लोकेश जैन, कपिल बिलाला,माया साह, दीपिका जैन कोटखावदा,आशा साह,स्नेह लता साह,सुधा गोधा,मिनिका बिलाला,अमिता साह, अम्बिका सेठी, राहुल साह,तनिशा बिलाला सहित अन्य श्रद्धालुगण शामिल हुए। 

। पदमपुरा के श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पर सर्वांगभूषण आचार्य चैत्य सागर महाराज  ससंघ के सानिध्य में भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया । प्रातः भगवान पार्श्वनाथ की पूजा के दौरान निर्वाण काण्ड भाषा का उच्चारण कर अध्यक्ष सुधीर जैन एवं मंत्री हेमन्त सोगानी के नेतृत्व में 123 किलो का निर्वाण लाडू चढाया गया ।इस मौके पर आचार्य श्री का 41 वां आचार्य दीक्षा दिवस मनाया गया। श्री जैन ने बताया कि जैन धर्म के अनुसार इस पर्व को मुकुट सप्तमी या मोक्ष सप्तमी भी कहते हैं। इस दिन कुंवारी कन्याएं मोक्ष सप्तमी का उपवास किया ।  दिन में केवल एक बार पानी का सेवन किया। यह उपवास सात साल तक निरन्तर किया जाता है। यह विशेष फलदायी होता है।  दिगम्बर जैन संतो के चल रहे चातुर्मास स्थलों पर शाश्वत सिद्ध क्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी की झांकी सजाई जाकर भगवान के मोक्ष स्थल स्वर्ण भद्र कूट पर निर्वाण लाडू चढाया गया । इस मौके पर भगवान पार्श्वनाथ की स्तुति ” तुमसे लागी लगन, लेलो अपनी शरण, पारस प्यारा। मेटो मेटो जी संकट हमारा…. ” गाकर भगवान का गुणगान किया गया। 

श्री जैन के  मुताबिक श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चूलगिरी मंदिर में संरक्षक प्रवीण चन्द्र छाबड़ा के नेतृत्व में भगवान पार्श्वनाथ का निर्वाणोत्सव मनाया जाकर मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ के समक्ष निर्वाण लाडू चढाया गया । श्री जैन के मुताबिक सूर्य नगर के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर , मधुवन के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर,जग्गा की बावड़ी के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र सहित कई मंदिरों में भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया गया। सौभाग्य दशमी शनिवार 26 अगस्त को राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक शनिवार, 26 अगस्त को सौभाग्य दशमी मनाई जाएगी । इसे सुहाग दशमी भी बोलते हैं। इस दिन महिलाओं द्वारा पति की लम्बी उम्र एवं स्वस्थ रहने एवं खुशहाली की कामना करते हुए उपवास किया जायेगा। दिगम्बर जैन मंदिरों में सौभाग्य दशमी व्रत की पूजा की जायेगी। जैन धर्म के 11 वें तीर्थकर भगवान श्रेयांसनाथ का मोक्ष कल्याणक 30 को श्री जैन के मुताबिक बुधवार, 30 अगस्त को रक्षा बंधन एवं जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर भगवान श्रेयांसनाथ का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया जावेगा। जिनवाणी एवं साधू संतो, आर्यिका माताजी की पिच्छिका के श्रावको द्वारा रक्षा सूत्र बांधा जाकर धर्म एवं जिनवाणी तथा दिगम्बर जैन संतों की रक्षा करने का संकल्प लिया जाएगा। इसी दिन मुनि विष्णु कुमार की पूजा भी की जाएगी।