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कांग्रेस के नए भस्मासुर शत्रुघ्न सिन्हा, जिस पार्टी में रहे उसी की बेइज्जती कराई!

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शत्रुघ्न सिन्हा जब तक बीजेपी में थे तब तक उनके बयान कांग्रेस के काम आए. उनके अंदर भस्मासुर की छिपी हुई प्रतिभा को पार्टी ने पहचाना और अपना काम बनाने के लिए कांग्रेस में भेजा. उनका ताज़ा बयान तो यही बताता है.

शत्रुघ्न सिन्हा ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कहा, “ये कांग्रेस परिवार है. यह कांग्रेस परिवार पार्टी महात्मा गांधी से लेकर, सरदार पटेल से लेकर, मोहम्मद अली जिन्ना से लेकर जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी से लेकर, राजीव गांधी से लेकर, राहुल गांधी से लेकर और पहले जो नेता रहे सुभाष चंद्र बोस की पार्टी है. इनका देश के विकास, तरक्की, आजादी में महत्वपूर्ण योगदान रहा.”

शत्रुघ्न सिन्हा के इस बयान से लगता है कि उनका बीजेपी से निकाला जाना सिर्फ एक दिखावा था. कांग्रेस में आकर बीजेपी की तरफ से प्रचार कर रहे हैं. कांग्रेस को जिन्ना वाली पार्टी बोलकर राहुल गांधी को मुंह चोर बना दिया. इस पर कांग्रेस को सफाई देते नहीं बनेगा. शत्रुघ्न सिन्हा को पता नहीं साक्षी महराज का श्राप लगा है या प्रज्ञा का, लेकिन वो जिस पार्टी में रहते हैं उसी की बैंड बजाते रहते हैं.

बीजेपी ने समय रहते उनकी इस प्रतिभा को पहचान लिया. अमित शाह ने सोचा होगा कि अगर अपनी पार्टी का भला करना है तो इनको विपक्षी पार्टी में भेज दो. फिर इतना इग्नोर किया कि शत्रुघ्न सिन्हा खुद सशरीर कांग्रेस में आ गए. मन तो पहले से इसमें था. अब कांग्रेस में आकर जिन्ना का नाम लिया है और बीजेपी का काम आसान किया है.

बहुत खतरनाक जिन्ना का भूत

जिन्ना जिंदगी में जितना खतरनाक रहे उससे ज्यादा यहां की राजनीति में उनका भूत काम आता है. पिछले साल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर दिख गई थी, जो 1938 से वहां लगी थी. उसके बाद इतनी धमाचौकड़ी हो गई कि एएमयू पीपली लाइव वाला गांव बन गया. चैनल्स की ओबी वैन से लेकर पुलिस के सायरन की आवाजें ही वहां सुनाई देती थीं.

पाकिस्तान में जिन्ना की उतनी इज्जत कभी नहीं हुई जितना भारत में उनका नाम लेने वाले नेताओं की बेइज्जती हो गई. लालकृष्ण आडवाणी को याद कीजिए. 2005 में एक हफ्ते के लिए पाकिस्तान की यात्रा पर गए. वहां जिन्ना को सेकुलर बताया और मजार पर जाकर श्रद्धांजलि दे दी. वहां से लौटकर आए तो उनका ऐसा स्वागत हुआ, इतनी गालियां मिलीं कि पूरा राजनैतिक जीवन धुल गया. बीजेपी को बनाना, राम रथ यात्रा वो सब जिन्ना के आगे बौने हो गए. तब आडवाणी ने जो इज्जत खोई वो कभी वापस नहीं मिली.

ऐसे ही एक बीजेपी के कद्दावर नेता जसवंत सिंह थे. 2014 में बाथरूम में गिरे, सिर पर चोट लगी, तब से कोमा में हैं. जसवंत सिंह ने 2009 में एक किताब लिखी थी. ‘जिन्ना- भारत, विभाजन और स्वतंत्रता.’ इसमें जिन्ना का जिक्र करते हुए लिखा था कि जिन्ना को भारत में विलेन के तौर पर पेश किया गया. किताब के आते ही बवाल हो गया. जसवंत सिंह की पार्टी से निकाल दिया गया. परमाणु परीक्षण के टाइम दुनिया से निपटना, कंधार प्लेन हाईजैक के वक्त आतंकियों से निपटना, ये सब मिनटों में भुला दिया गया.

अब शत्रुघ्न सिन्हा चुनाव के टाइम जिन्ना का नाम ले रहे हैं तो कुछ सोचकर ही लिया होगा. इसीलिए तो उनको कांग्रेस में लाया गया है कि वो अपने बयानों से उसकी लुटिया डुबो सकें.