Home समाचार मिली बड़ी जिम्मेदारी,सरकार की पोल खोलने वाली वर्षा का निलंबन रद्द

मिली बड़ी जिम्मेदारी,सरकार की पोल खोलने वाली वर्षा का निलंबन रद्द

0

साल 2003 में छत्तीसगढ़ व्यापम (PSC) में हुए हुए घोटाले की पोल खोलते हुए उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर और जेलों में हो रहे भ्रष्टाचार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर तत्कालीन भाजपा सरकार की नाक में दम करने वाली वर्षा डोंगरे का निलंबन रद्द करते हुए सरकार ने कोरबा जेल के सहायक अधीक्षक की जिम्मेदारी दी है।

मालूम हो कि, वर्षा डोंगरे ने जेल में होने वाले अत्याचार को लेकर फेसबुक में कमेन्ट किया था, जिससे नाराज होकर तत्कालीन बीजेपी सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। उनको निलंबित हुए दो वर्ष से ज्यादा समय हो चुका था। इस दौरान वह रायपुर सेन्ट्रल जेल में डिप्टी जेलर के तौर पर ही अटैच रहीं।

बता दें कि, मध्यप्रदेश की छत्तीसगढ़ में भी भाजपा शासन रे दौरान व्यापम घोटाला हुआ था।छग में 2003 में हुए व्यापम (PSC) घोटाले को वर्षा डोंगरे ने ही उठाया था और हाईकोर्ट में उसे चुनौती भी दी थी। वर्षा की ही याचिका पर ही छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की ओर से जारी किए गए परिणामों में चयनित 147 अभ्यर्थियों के चयन को लेकर हाइकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने 26 अगस्त 2016 को आदेश दिया था कि, पुरानी सूची को स्कैन करने, स्कैलिंग कर नये सिरे से मेरिट लिस्ट बनाने और रिवाइज कर नौकरी दी जावे।

इस आदेश के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। सरकार बौखला गई, वर्षा से खफा हो गई। कई डीएसपी और डिप्टी कलेक्टर की नौकरी पर बन आयी थी। नयी मेरिट सूची बनते ही ये तय था कि राज्य पुलिस सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा के कई अफसरों की नौकरी चली जाती, लिहाजा हाईकोर्ट के आदेश को चंदन संजय त्रिपाठी सहित अन्य अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। साथ ही हाईकोर्ट में स्पेशल पिटीशन भी फाइल की गयी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया।

याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद सभी 147 डिप्टी कलेक्टर व डीएसपी को नोटिस जारी किया गया है। पिछले कई महीनों से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में ये मामला पेंडिंग पड़ा हुआ था।