भारत में हर आदमी को भरपेट भोजन (Food) नहीं मिल पाता. अभी तक भूख से होने वाली मौतों की खबर आती रहती है. बच्चों में कुपोषण एक बड़ी समस्या है. लेकिन जितनी भोजन की कमी है, उतना ही हम उसे बर्बाद (waste) भी करते हैं. खाने की बर्बादी (wastage of food) सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में होती है. इस बारे में जो ताजा आंकड़े आए हैं, वो हैरान करने वाले हैं. नए आंकड़े के मुताबिक पूरी दुनिया में जितना फूड का उत्पादन होता है, उसका एक तिहाई बर्बाद हो जाता है. यानी एक तिहाई फूड बिना खाए फेंक दिया जाता है या वो बर्बाद चला जाता है. अगर बर्बाद खाने की कीमत के बारे में पता करें तो पूरी दुनिया में हर साल करीब 940 बिलियन डॉलर का खाना बर्बाद होता है. भारतीय करेंसी में इसकी कीमत करीब 67 लाख करोड़ रुपए होती है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि खाने की बर्बादी किस हद तक होती है.
खाने की बर्बादी की वजह से गर्म हो रही है दुनिया
इतना ही नहीं खाने की बर्बादी की वजह से दुनिया गर्म भी हो रही है. नए शोध से पता चला है कि खाने की बर्बादी की वजह से ग्रीन हाउस गैसों में 8 फीसदी का इजाफा होता है. इसकी वजह से ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या बढ़ रही है. खाने की बर्बादी को लेकर ये आंकड़े वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (WRI) ने रॉकफेलर फाउंडेशन की मदद से जारी किए हैं.
खाने की बर्बादी को लेकर कुछ दिलचस्प तथ्य पता चले हैं. मसलन भारत जैसे विकासशील और लोअर इनकम वाले देशों में खाने की बर्बादी फार्म के स्तर पर होती है. यानी अन्न के उत्पादन के वक्त खेत से मार्केट में पहुंचने तक अन्न बर्बाद होता है. वहीं अमेरिका जैसे विकसित देशों में खाने की बर्बादी खाने की प्लेट में होती है. यानी खाना प्लेट तक तो पहुंच जाता है लेकिन प्लेट में खाना छोड़कर लोग उसे बर्बाद करते हैं.
संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) की फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के 2007 के एक आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा बर्बादी कंद और जड़ों की होती हैं. करीब 62 फीसदी कंद और जड़ें (roots and tubers) बर्बाद हो जाती हैं. फल और सब्जियों का स्थान दूसरा है. कुल उत्पादन का करीब 41 फीसदी फल और सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं. उसी तरह से कुल उत्पादन का करीब 25 फीसदी दालें बर्बाद चली जाती हैं. 22 से 23 फीसदी फिश और सीफूड भी बर्बाद होते हैं.
जितना यूके खाता है, उतना हम बर्बाद कर देते हैं
भारत में खाने की बर्बादी के आंकड़े और भी हैरान करने वाले हैं. 2017 की सीएसआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल जितना यूनाइटेड किंगडम खाता है, उतना हम बर्बाद कर देते हैं. भारत जैसे देश में जहां लाखों लोग भूखे पेट सोने के लिए मजबूर होते हैं, वहां खाने की बर्बादी के ये आंकड़े परेशान करने वाले हैं.
फंक्शन में सबसे ज्यादा होती है खाने की बर्बादी
भारत में खाने की बर्बादी सबसे ज्यादा नॉर्थ और सेंट्रल पार्ट्स के सार्वजनिक समारोहों में होती है. शादी-विवाह, सोशल और फैमिली फंक्शन, कैंटीन और होटलों में खाने की बर्बादी सबसे ज्यादा होती है.
रिपोर्ट के मुताबिक उत्पादन का करीब 40 फीसदी फूड बर्बाद चला जाता है. भारत के कुल गेहूं उत्पादन में करीब 2 करोड़ टन गेहूं बर्बाद हो जाता है. इतने बड़े पैमाने पर अन्न की बर्बादी हैरान करने वाली है.
खुद कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में करीब 50 हजार करोड़ की कीमत का अन्न हर साल बर्बाद होता है. इतना अन्न बिहार जैसे राज्य की कुल आबादी को एक साल तक भोजन उपलब्ध करवा सकता है.