Home समाचार वैष्णो देवी पहुंचे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ धक्का-मुक्की, शिवसेना...

वैष्णो देवी पहुंचे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ धक्का-मुक्की, शिवसेना ने की नारेबाजी…

0

वैष्णो देवी पहुंचे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ धक्का-मुक्की की खबर है. शिवसेना ने सिद्धू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाए कि वैष्णो देवी में नवजोत सिंह सिद्धू को वीआईपी ट्रीटमेंट क्यों दिया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि सिद्धू पाकिस्तान के समर्थन में बयानबाजी कर चुके हैं.

बता दें, खालिस्तानी उग्रवादी और हाफिज सईद के करीबी गोपाल सिंह चावला ने सिद्धू के साथ खुद की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी. इसके बाद सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा विवादों में आ गई. देश की राजनीति में इस पर भूचाल मच गया और विपक्षी दलों ने कांग्रेस से सिद्धू की मुलाकात पर स्टैंड साफ करने को कहा.

इस मामले में विवाद बढ़ने पर नवजोत सिद्धू ने कहा था कि उन्हें राहुल गांधी ने ही पाकिस्तान भेजा था. उन्होंने कहा, ‘मेरे कप्तान राहुल गांधी हैं, उन्होंने ही भेजा है हर जगह.’ सिद्धू ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुझे पाकिस्तान जाने से मना किया था लेकिन करीब 20 कांग्रेसी नेताओं और केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर मैं पाकिस्तान गया था. पंजाब के सीएम मेरे पिता के समान हैं. मैं उनसे पहले ही बता चुका था कि मैं पाकिस्तान जाऊंगा. मेरे कप्तान राहुल गांधी हैं और सीएम साहब के कप्तान भी राहुल गांधी हैं.

काफी बढ़ा पाकिस्तान का विवाद

बाद में यह विवाद इतना बढ़ा कि उनकी पार्टी के कई नेताओं ने पंजाब लोकसभा चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन न होने का ठीकरा सिद्धू के माथे पर फोड़ा. यहां तक कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से उनकी अनबन कुछ ज्यादा ही बढ़ गई और उन्हें पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा.

छह जून को मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में नवजोत सिंह सिद्धू से स्थानीय सरकार, पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों का विभाग लेकर उन्हें बिजली और नए और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्रालय दे दिया गया था.

नवजोत सिंह सिद्धू ने हालांकि अपने नए मंत्रालय प्रभार को संभालने से इनकार कर दिया था. दस जून को नई दिल्ली में कांग्रेस नेताओं-राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अहमद पटेल से मुलाकात कर उन्होंने बताया था कि लोकसभा में पार्टी की हार के लिए उन पर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया गया. उसके बाद से वे एकांतवास में चले गए थे.