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आम आदमी की बढ़ी मुश्किलें, टमाटर-प्याज के बाद अब इस सब्जी ने तोड़ा महंगाई का रिकॉर्ड

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बढ़ती महंगाई का असर सबसे ज्यादा सब्जियों पर दिख रहा है. सब्जियों के रेट लगातार महंगे होते जा रहे हैं. प्याज और टमाटर के दाम बढ़ने के बाद अब सरकार के लिए लहसुन गले की फांस बनने जा रहा है. वजह ये है कि लहसुन के दाम आसमान छूने लगे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में लहसुन के रिटेल दाम 300 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. पिछले हफ्ते से लहसुन के दामों में तेजी आई है. होलसेल मार्केट में दाम में कोई बदलाव नहीं आया है, लेकिन रिटेल दामों में आग लगी हुई है.

लहसुन का प्रोडक्शन पिछले साल के मुकाबले 76% अधिक 
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018-19 में 28.36 लाख टन लहसुन का प्रोडक्शन हुआ, जबकि पिछले साल 16.11 लाख टन प्रोडक्शन हुआ था. इस तरह देश में इस साल लहसुन का प्रोडक्शन पिछले साल के मुकाबले 76 फीसदी अधिक हुआ है. इसके बावजूद लहसुन के दाम चीते की रफ्तार से भाग रहे हैं. लहसुन के दाम अगर इसी तरह आसमान छूते रहे, तो आम लोगों के खाने के जायके में असर पड़ सकता है.

भारी बारिश के चलते लहसुन का स्टॉक खराब
बाजार से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि भारी बारिश के चलते लहसुन का बहुत स्टॉक खराब हो गया है. जिसकी वजह से सही तरीके से सप्लाई नहीं हो पा रही है. इसीलिए लहसुन के दाम आसमान छू रहे हैं. आपको बता दें कि दो हफ्ते पहले राजधानी में लहसुन 150-200 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. मौजूदा समय में दिल्ली के मदर डेयरी बूथ पर 300 रुपये किलो लहसुन बिक रहा है. जबकि दिल्ली-NCR में सब्जी की दुकानों में लहसुन 250-300 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इसके साथ ही लहसुन के बड़े उत्पादक राज्य जैसे मध्य प्रदेश, राजस्थान में 200 रुपये प्रति किलो के आसपास हैं.

21,700 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा लहसुन


होलसेल मार्केट में नजर दौड़ाएं तो मध्य प्रदेश के नीमच में शनिवार को विभिन्न क्वालिटी के लहसुन का भाव 8,000-17000 रुपये क्विंटल था. हालांकि स्पेशल क्वालिटी का लहसुन 21,700 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका. कारोबारियों का मानना है कि सप्लाई कम होने से दाम में और बढ़ोतरी हो सकती है. दुनिया के लहसुन उत्पादक देशों में भारत प्रमुख रूप से गिना जाता है, जबकि जबकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक देश है.